नल जल योजना का दूषित पानी दिखाते ग्रामीण। भास्कर न्यूज़ । सालमारी मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर घर नल जल’ योजना को सफल बनाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर संवेदकों की लापरवाही इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कदवा प्रखंड के उनासोपचगाछी पंचायत के वार्ड संख्या-5, बठौरा गांव में नल से सप्लाई हो रहा पानी पीने तो दूर, कपड़ा धोने तक लायक नहीं बचा है। ग्रामीणों का आरोप है कि योजना के तहत निर्धारित 450 फीट की जगह संवेदक ने सिर्फ 150 फीट तक ही बोरवेल किया है, जिसके कारण सप्लाई हो रहे पानी में आर्सेनिक और आयरन की मात्रा काफी ज्यादा पाई जा रही है। इससे पानी का रंग पीला और बदबूदार हो गया है। स्थानीय निवासी जय नारायण शर्मा बताते हैं कि पहले पानी की गुणवत्ता ठीक थी, लेकिन हाल ही में बोरिंग कम गहराई पर करने से पानी दूषित आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह पानी पीने तो छोड़िए, कपड़ा धोने लायक भी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक की इस लापरवाही से सरकार को भारी चूना लगाया जा रहा है और लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। दूषित पानी की वजह से कई लोग बीमार पड़ने लगे हैं और हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई घरों में पारिवारिक कलह तक शुरू हो गई है। ग्रामीणों ने कहा कि नल का पानी खराब होने के कारण कई नवविवाहित बहुएं मायके से वापस आने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मामले की जांच कमेटी गठित कर संवेदक पर कार्रवाई की जाए और शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। कार्यपालक अभियंता मुकेश विश्वास ने बताया कि वार्ड संख्या-5 से प्राप्त पानी के नमूने को जांच के लिए लैब भेजने का निर्देश दे दिया गया है।
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