काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 105वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस दौरान 13 हजार विद्यार्थियों को उपाधियों का वितरण किया गया। विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां 29 मेधावियों को मंच से मेडल प्रदान किए गए। इस बार टॉपरों की लिस्ट में बेटियों की संख्या अधिक रही है। अनुराधा को चांसलर मेडल मिला है, वहीं, बांग्लादेश से आकर बीएचयू में पढ़ाई कर रहे छात्र तुहिन को भी चांसलर मेडल प्रदानख किया गया है। इन दोनों ही विद्यार्थियों को स्व. विभूति नारायण सिंह मेडल भी मिले हैं। मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत उपस्थित थे। आज भी बीएचयू के विभिन्न संकाय में डिग्री वितरण किया जायेगा। पहले दीक्षांत समारोह की तस्वीर देखें… 2047 तक विकसित भारत बनकर रहेगा मुख्य अतिथि वीके सारस्वत ने कहा कि, भारत की स्वतंत्रता यात्रा से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण तक शिक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा ने स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्र-निर्माता, महान वैज्ञानिक, विद्वान, कलाकार और तकनीकी विशेषज्ञों को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि आज भी शिक्षा वही शक्ति है जो युवाओं में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना पैदा करती है। हमारे पास 35 साल से कम 453 मिलियन युवा हैं, जो हमारे देश की मजबूती हैं। युवा शक्ति को देखते हुए और उन्हें आधार बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना देखा है। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ‘आकाश’ ने काम किया – सारस्वत वीके सारस्वत ने भारत की रक्षा प्रणाली और देश की आत्मनिर्भता पर चर्चा की उन्होंने कहा कि हम जो भी जरूरत होती है, उस हिसाब से हथियारों का आविष्कार करते हैं। हमने प्रलय, प्रहार आदि बनाए अभी ऑपरेशन सिंदूर के समय हमने ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि, हम रशिया से एयर डिफेंस सिस्टम लेते हैं, लेकिन हमारे एयर डिफेंस सिस्टम आप देखें तो ‘आकाश’ ने काम किया है। बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने काम किया है। ब्रह्मोस हमारा है, एंटी ड्रोन सिस्टम हमारे हैं-सारस्वत उन्होंने कहा हमने दिल्ली की रक्षा के लिए अपना एयर डिफेंस सिस्टम वहां पर लगाया है। हम जो सहायता किसी भी देश से लेते हैं, वह कॉम्प्लिमेंट्री है। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे देश में अपनी क्षमता नहीं है। वीके सारस्वत ने बताया कि, आकाश हमारा है, ब्रह्मोस हमारा है, एंटी ड्रोन सिस्टम हमारे हैं, आर्टरी हमारी है।आज हमारी किसी पर भी निर्भरता नहीं है। हम सक्षम हैं। हमारे पास वे सभी अस्त्र-शस्त्र मौजूद हैं, जिससे हम कोई भी टेक्टिकल वार हो, चाहे किसी भी डायरेक्शन से हो, उसका सामना कर सकते हैं।
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