मधुबनी में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और यातायात नियमों के उल्लंघन पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी आनंद शर्मा के निर्देश पर शुक्रवार को यह कार्रवाई की गई, जिसमें 48 चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिए गए। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना और आमजन में जागरूकता बढ़ाना है। अभियान के दौरान जांच में पाया गया कि कई चालक तेज गति से वाहन चला रहे थे, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन कर रहे थे, नशे में गाड़ी चला रहे थे और गलत दिशा में वाहन चलाने जैसी जोखिमपूर्ण गतिविधियों में शामिल थे। मोटरयान अधिनियम 1989 (संशोधित 2019) की धारा 19 के तहत इन सभी 48 चालकों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। सड़क सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यातायात नियमों का उल्लंघन जीवन के साथ खिलवाड़ है। ऐसे कृत्यों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि इस अभियान को लगातार और सख्ती से जारी रखा जाए तथा नियम तोड़ने वाले किसी भी चालक को कोई रियायत न दी जाए। जिले में सड़क सुरक्षा के लिए ‘जीरो-टॉलरेंस’ की नीति अपनाने की बात जिला परिवहन पदाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि कोई चालक एक ही अपराध में दोबारा या बार-बार पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें चालक अनुज्ञप्ति को स्थायी रूप से रद्द करने की प्रक्रिया भी शामिल होगी। जिलाधिकारी ने जिले में सड़क सुरक्षा के लिए ‘जीरो-टॉलरेंस’ की नीति अपनाने की बात कही। सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यह सख्त कार्रवाई की गई जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यह सख्त कार्रवाई की गई है। ओवर स्पीडिंग, नशे में वाहन चलाना, बिना हेलमेट बाइक चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करना जैसे यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण ये निलंबन किए गए हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य चालकों को चेतावनी देना और उन्हें नियमों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना है।
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