कासगंज की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही फिर उजागर हुई है। गंभीर हालत में पहुंचने वाले मरीजों को बिना मेडिकल लीगल केस (MLC) पूरा किए और अधूरी कागजी कार्रवाई के साथ जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। इस लापरवाही के कारण जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज में अनावश्यक देरी होती है। आपातकालीन विभाग के डॉक्टरों को पहले रेफर किए गए मरीजों की MLPC करके कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है और फिर इलाज शुरू करना पड़ता है, जिससे बहुमूल्य समय बर्बाद होता है। शुक्रवार को सहावर और अमापुर CHC से सड़क हादसे के घायल गौरव और मुकेश को बिना MLC कराए जिला अस्पताल भेज दिया गया। रेफर स्लिप में भी जरूरी विवरण और औपचारिकताएं पूरी नहीं थीं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों के अनुसार, प्रत्येक गंभीर घायल मरीज की MLC और आवश्यक प्रक्रिया में 30 मिनट से अधिक समय लग जाता है। इस देरी की वजह से गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान को खतरा बढ़ जाता है, और कई बार अलीगढ़ ले जाते समय मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि CHC स्तर पर ही सड़क हादसों और मारपीट के मामलों में आने वाले घायलों की MLC प्रक्रिया पूरी कर दी जाए और रेफर स्लिप में आवश्यक विवरण सही रूप से भरकर भेजा जाए, तो जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज समय पर शुरू हो सकता है और कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। स्थिति यह है कि जिले की CHC से प्रतिदिन सड़क हादसों और मारपीट के पाँच से अधिक घायल जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन अधिकांश की MLPc पूरी नहीं होती। इतना ही नहीं, रेफर किए जाने का कारण भी रेफर स्लिप में स्पष्ट नहीं लिखा जाता। इस लापरवाही को लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और स्टाफ लगातार नाराज़गी जता रहे हैं।
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