DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

दुनिया के 5 ताकतवर देशों का ग्रुप बना रहे ट्रम्प:इसमें भारत, रूस और चीन शामिल होंगे, G7 को C5 से रिप्लेस करने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत, रूस, चीन और जापान के साथ एक नया ग्रुप कोर फाइव (CF) लाने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिकी वेबसाइट पोलिटिको के मुताबिक यह मंच ग्रुप सेवन (G7) देशों की जगह लेगा। G7 अमीर और लोकतांत्रिक देशों अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, इटली और जापान जैसे देशों का एक मंच है। हालांकि ट्रम्प की चाह ताकवर देशों को लेकर एक नया मंच बनाने की है। हालांकि अभी तक इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन पोलिटिको के मुताबिक C5 वाला नया आइडिया असल में नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के एक लंबे ड्राफ्ट में लिखा था। यह ड्राफ्ट जनता को नहीं दिखाया गया है। पोलिटिको यह पुष्टि नहीं कर पाया कि यह लंबा ड्राफ्ट वास्तव में मौजूद है या नहीं, लेकिन एक और मीडिया संस्थान डिफेंस वन ने इसकी पुष्टि की है। C5 का पहला एजेंडा- इजराइल-सऊदी के रिश्ते सुधारना रिपोर्ट के मुताबिक इस ग्रुप को बनाने के पीछे मकसद यह है कि एक ऐसा नया मंच बनाया जाए जिसमें सिर्फ वही देश हों जो बड़ी शक्ति रखते हैं, चाहे वे लोकतांत्रिक हों या न हों, और चाहे वे G7 जैसे क्लब की शर्तों पर खरे उतरते हों या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया- ‘कोर फाइव’ या C5 में अमेरिका, चीन, रूस, भारत और जापान शामिल होंगे। ऐसे देश जिनकी आबादी 100 मिलियन (10 करोड़) से ज्यादा है। यह G7 की तरह नियमित बैठकें करेगा और खास मुद्दों पर सम्मेलन होंगे। C5 की पहली बैठक का एजेंडा मिडिल ईस्ट की सुरक्षा, खासकर इजराइल और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने पर होगा। ट्रम्प की सोच से मेल खा रहा C5 बनाने का प्लान पहले ऐसा प्लान बिल्कुल असंभव लगता था। लेकिन अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि G5 का प्लान ट्रम्प की सोच से मेल खाता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अक्सर प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ सीधे डील करने की कोशिश करते रहे हैं। जैसे बीजिंग को Nvidia के H200 AI चिप्स की बिक्री की इजाजत देना, या अपने दूत स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर को मास्को भेजना ताकि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से सीधे बातचीत कर सकें। ट्रम्प प्रशासन में काम कर चुके एक अधिकारी ने (नाम गोपनीय रखने की शर्त पर) पोलिटिको से कहा कि अमेरिका, चीन, भारत, जापान और रूस वाला C5 विचार बिल्कुल भी चौकाने वाला नहीं है। उसने कहा कि ट्रम्प के साथ पहले C5 पर कभी आधिकारिक चर्चा नहीं हुई थी लेकिन इस पर जरूर बात होती थी कि G7 या फिर संयुक्त राष्ट्र आज की दुनिया के हिसाब से कारगर नहीं रह गए हैं, क्योंकि वैश्विक शक्ति समीकरण बदल चुके हैं। बाइडेन प्रशासन के दौरान नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में यूरोप मामलों की डायरेक्टर रहीं टोरी टाउसीग ने कहा कि C5 का विचार ट्रम्प के दुनिया को देखने के तरीके से मेल खाता है, जहां विचारधारा से ज्यादा ताकतवर नेताओं के साथ तालमेल, और बड़ी शक्तियों के साथ काम करके उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभाव बनाए रखने का मौका दिया जाता है।


https://ift.tt/BuVpFU7

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *