ग्रेटर नोएडा की बिसरख पुलिस ने पैसा दोगुना करने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 5.75 लाख रुपये नकद, एक नोट गिनने की मशीन और अन्य सामान बरामद किया गया है। बरामद सामान में छह मोबाइल, कागज की नोटनुमा गड्डियों से भरे तीन ट्रॉली बैग, पांच फर्जी आधार कार्ड, एक इंटरनेट डोंगल और ठगी में इस्तेमाल की गई दो लग्जरी कारें शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में इंजीनियर, बीबीए छात्र, एमकॉम पास व्यक्ति, होटल संचालक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट व्यवसायी शामिल हैं। ये लोग लंबे समय से ‘नोट डबल गेम’ के नाम पर लोगों को ठग रहे थे। यह कार्रवाई गाजियाबाद निवासी दीपिका की शिकायत के बाद की गई। दीपिका ने कोतवाली में बताया कि उनके जीजा विशाल अग्रवाल, जो पेशे से डॉक्टर हैं, पिछले दस दिनों से सोनू यादव नामक व्यक्ति से संपर्क में थे। सोनू यादव पैसे दोगुना करने का दावा करता था। विशाल के भरोसे पर दीपिका ने अपने परिचित से 16.50 लाख रुपये की व्यवस्था की। 4 दिसंबर की शाम दीपिका गौड़ सिटी मॉल पहुंचीं, जहां सोनू यादव अपने साथी के साथ मिला। सोनू ने उन्हें सेंटुरियन टेरेस होम्स सोसाइटी के एक फ्लैट में ले गया। वहां पहले से दो अन्य युवक मौजूद थे। चारों युवकों ने दीपिका से पैसे लेकर उन्हें दोगुना रकम से भरा बैग थमा दिया। बाद में ब्लू सफायर मॉल के पास बैग खोलने पर पता चला कि ऊपर केवल एक असली नोट रखा था और बाकी सभी कागज की गड्डियां थीं। जब वह फ्लैट लौटीं, तो वहां कोई नहीं मिला। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि ठगी के खुलासे के लिए विशेष टीम बनाई गई थी। पुलिस ने सेक्टर-16बी के पास से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बिहार के चंचल, इंद्रमणि, रितेश, गौरव, जौनपुर के शुभम और बस्ती के नवीन सिंह के रूप में हुई है। गिरोह का एक आरोपी अभी फरार है। जानकारी के अनुसार, गिरोह लोगों को अधिक धन का लालच देकर नोट बदलने के नाम पर ठगता था। गिरोह में 6-7 लोग शामिल रहते थे। इसमें दो व्यक्ति ग्राहक को फंसाते और बाकी लोग फ्लैट पर पहले से मौजूद रहते। आरोपी लोग अपने असली नाम छिपाकर लोगों से मिलते और ऐसे लोगों को निशाना बनाते जिनके पास बड़ी नकद राशि होती। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह हाई-टेक तरीके से ठगी करता था। दो सदस्य पहले ग्राहक को फंसाते थे। विश्वास जीतकर उन्हें ‘दोगुना पैसा’ मिलने का भरोसा दिलाया जाता। गिरोह किराए पर लिया फ्लैट विशेष व्यवस्था के लिए इस्तेमाल करता। कमरे में लकड़ी का चौड़ा तख्त रखा जाता था, जिसके बीच में और दीवार में छेद बनाकर नीचे एक सदस्य छिपता था। सामने दो व्यक्ति नोट गिनने और ग्राहक का ध्यान भटकाने का काम करते। नोट गिनने की मशीन चलाकर बैग में असली नोट केवल ऊपर रखते और नीचे छिपा सदस्य असली रकम निकालकर जगह कागज की गड्डियां डाल देता। अंत में बैग को लॉक कर दो सदस्य ग्राहक के साथ कार में जाते और सुनसान स्थान पर छोड़कर भाग जाते, बाकी सदस्य फ्लैट से असली रकम लेकर फरार हो जाते। गिरोह के सदस्य इस प्रकार हैं: शुभम तिवारी-रॉयल कोर्ट सोसाइटी, ग्रेजुएट, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट व्यवसायी नवीन सिंह- नॉलेज पार्क, बीबीए छात्र इंद्रमणि उर्फ राजा- निराला एस्पायर सोसाइटी, आईटी इंजीनियर गौरव गुप्ता- एमकॉम पास, रैपिडो ड्राइवर रितेश उर्फ अंकित- होटल संचालक
चंचल कुमार- पटना से डिप्लोमा, ऑटोमोबाइल में कार्यरत सोनू यादव गिरोह का सरगना है। इंद्रमणि और चंचल के खिलाफ पहले से ही गाजियाबाद के विजयनगर थाने में मुकदमे दर्ज हैं। कई आरोपियों पर बिहार और उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी, ठगी और जालसाजी के मामले पहले से दर्ज हैं।
https://ift.tt/mnALjtk
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply