अंबेडकरनगर जिले की टांडा तहसील में कार्यरत नायब नाजिर हीरालाल को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने यह कार्रवाई पत्रावलियों को समय पर प्रस्तुत न करने और काम टालने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद की है। हीरालाल के खिलाफ आम जनता के साथ-साथ उप जिलाधिकारी ने भी कई बार समय पर कार्य करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, उनके कार्य-व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया। इन शिकायतों के मद्देनजर, हीरालाल के पटल का निरीक्षण किया गया, जिसमें उनकी कार्यप्रणाली में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। निरीक्षण के दौरान कई ऐसे मामले प्रकाश में आए, जो उनकी लापरवाही को दर्शाते हैं। एक मामले में स्वर्गीय चंद्रशेखर की पत्नी शीला के अवकाश नगदीकरण और अन्य देयकों से संबंधित आवेदन 29 अप्रैल 2025 को प्रस्तुत किया गया था। इस पत्रावली पर नायब तहसीलदार ने 29 मई 2025 को हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसे लगभग 25 महीने तक तहसीलदार या उप जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। अंततः, कई बार मांगने के बाद यह पत्रावली 15 अगस्त 2025 को प्रस्तुत की गई। इसी तरह स्वर्गीय आशाराम वर्मा की पत्नी शीला के अवकाश नगदीकरण और अन्य देयकों से संबंधित आवेदन 28 अप्रैल 2025 की पत्रावली पर भी नायब तहसीलदार ने 29 मई 2025 को हस्ताक्षर किए थे। यह पत्रावली भी लगभग 25 महीने तक उप जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई और 15 अगस्त 2025 को कई बार अनुरोध के बाद ही पेश की गई। अन्य मामलों में तहसील टांडा के चपरासी वेद प्रकाश की संशोधित वेतन पत्रावली को देर से प्रस्तुत करने के लिए उप जिलाधिकारी टांडा ने 26 जून 2025 को हीरालाल को अंतिम चेतावनी दी थी। इसके अतिरिक्त, 25 अगस्त 2025 को पटल निरीक्षण के दौरान, आवेदक रणजीत के शिकायती प्रार्थना पत्र पर राजस्व निरीक्षक बसखारी की आख्या 03 जून 2025 के बाद भी उसे किसी उच्चाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था।
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