शाहजहांपुर के भाजपा सांसद अरुण सागर ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। उन्होंने उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगों को गंभीरता से लेते हुए मंत्री को एक पत्र सौंपा, जिसमें शिक्षकों की समस्याओं का विस्तृत उल्लेख था। सांसद सागर ने शिक्षा मंत्री से शिक्षकों की समस्याओं पर विचार करने और संबंधित विभाग को दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया, ताकि इन मुद्दों का समाधान हो सके। शिक्षा मंत्री ने सांसद को इस संबंध में आश्वासन दिया है। यह मुद्दा 8 दिसंबर को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों द्वारा सांसद अरुण सागर को सौंपे गए एक ज्ञापन से जुड़ा है। ज्ञापन में बताया गया था कि 29 जुलाई 2011 से पहले उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया उस समय टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की कोई शर्त लागू नहीं थी, लेकिन अब इन शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। टीईटी पास न करने पर उनके वेतन और भत्ते रोक दिए जाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है और पदोन्नति के अवसर भी नहीं मिलते। सांसद ने शिक्षा मंत्री को दिए पत्र में तर्क दिया कि ये शिक्षक पुरानी भर्ती प्रक्रिया के तहत चुने गए थे और उस समय टीईटी की शर्त लागू नहीं थी। उन्होंने इन शिक्षकों को परीक्षा से छूट देकर उनकी सेवा को सम्मान देने का अनुरोध किया। सांसद के अनुसार, इससे न केवल इन शिक्षकों को उनका हक मिलेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी और अनुभवी शिक्षक बिना तनाव के अपना काम जारी रख सकेंगे। उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस मामले में सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद जताई। सांसद ने बताया कि उन्होंने शिक्षामंत्री को शिक्षकों की जुड़ी समस्याओं को उठाया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि शिक्षामंत्री सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे ।साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को या संबधित विभाग को बहुत जल्द दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। जिससे बहुत जल्द इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा। सांसद ने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने शाहजहांपुर वासियों से जुड़ी समस्याओं को लोकसभा से लेकर संबधित विभाग के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा है।
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