बिजनौर कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के ग्राम करौंदा पचदू के किसानों ने चकबंदी अधिकारियों पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि भूमि की श्रेणी बदलने के बावजूद उनकी जमीन के अंश निर्धारण में भारी गड़बड़ी की गई है। मामले को लेकर किसानों ने एसओसी न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है। यह विवाद नगीना तहसील के करौंदा पचदू निवासी मोहम्मद यूसुफ, अब्दुल कबीर, शकील और अन्य किसानों की लगभग 10 बीघा भूमि से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार, आफरीन और मोहम्मद आकिब पुत्र इकबाल ने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के 11 मार्च 2024 के आदेश के खिलाफ सीओ चकबंदी नियम-109 के न्यायालय में पुनः सुनवाई की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। पीड़ित मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि मार्च 2024 के पुराने आदेश में उनकी भूमि 0.280 हेक्टेयर दर्ज थी, लेकिन नवीनतम आदेश (वाद संख्या 388) में इसे घटाकर मात्र 0.134 हेक्टेयर कर दिया गया है। यूसुफ का आरोप है कि यह निर्णय पिछले आदेश के विपरीत है और अधिकारी ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने तरीके से यह कार्रवाई की है। अब्दुल कबीर ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता अब्दुल कदीर का काफी समय पहले निधन हो चुका है, फिर भी उनकी भूमि बिना किसी पूर्व सूचना के दूसरे व्यक्तियों के नाम कर दी गई, जो पूरी तरह अवैध और आपराधिक कृत्य है। पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी और जिला उपसंचालक चकबंदी से मामले की निष्पक्ष और गहन जांच कराने तथा दोषी अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसानों ने साफ कहा कि न्याय मिलने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ियों के चलते किसानों को अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। फिलहाल चकबंदी विभाग के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जांच की मांग तेजी से बढ़ रही है।
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