बुलंदशहर में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड (राजस्व से संबंधित जिला अनुश्रवण पुस्तिका) की नवंबर 2025 की रैंकिंग में बुलंदशहर जिला 60वें स्थान पर रहा है। शिकायतों के निस्तारण, विकास और राजस्व कार्यों में जिले का प्रदर्शन कमजोर पाया गया, जिससे प्रदेश के 75 जिलों में इसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जारी सूची के अनुसार, मेरठ मंडल के सभी जिले प्रदर्शन में फिसड्डी साबित हुए हैं। मेरठ को 62वां, गाजियाबाद को 67वां, गौतमबुद्ध नगर को 72वां, हापुड़ को 63वां और बुलंदशहर को 60वां स्थान मिला है। मंडल में बिजनौर 26वें स्थान पर रहकर सबसे ऊपर रहा, हालांकि प्रदेश में यह मध्य रेंज में है। यह दर्शाता है कि मंडल के लगभग सभी जिलों में शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण और राजस्व कार्यों की गुणवत्ता में गंभीर कमियां हैं। अफसरों की लापरवाही सामने आई सूत्रों के अनुसार, शिकायतों के निस्तारण में देरी, केवल कागजों में निस्तारण दिखाना, फील्ड स्तर पर कमजोर फॉलोअप और अधिकारियों की मनमानी रिपोर्ट जैसे कारणों से जिले की रैंकिंग तेजी से गिरी है। कई मामलों में शिकायतें ‘निस्तारित’ तो दिखा दी जाती हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति जमीन पर जस की तस बनी रहती है, जिससे मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में जिले की रेटिंग स्वतः कम हो जाती है। नवंबर 2025 में प्रदेश में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में शाहजहांपुर (9.22/10), कानपुर देहात (9.14/10) और हरदोई (9.10/10) शामिल रहे। वहीं, सबसे निचले पायदान पर रहने वाले जिलों में अमेठी (7.80/10), कुशीनगर (7.82/10), गोरखपुर (7.84/10) और गौतमबुद्ध नगर (7.87/10) शामिल हैं। यह रैंकिंग विकास कार्यों, राजस्व निस्तारण, शिकायत समाधान, फील्ड रिपोर्टिंग और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के प्रदर्शन के आधार पर तय की जाती है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड एक ऐसा मंच है जहां प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी और विभागीय अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं। यहां दर्ज हर शिकायत के निस्तारण की वास्तविक समय में निगरानी की जाती है, और इसी आधार पर जिले की रैंक निर्धारित होती है।
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