अरवल जिले में एनएच-139 और अरवल-मेहंदिया नहर रोड पर सड़क के बीच लगे पेड़ दुर्घटना को दावात दे रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कई लोगों के हाथ-पैर टूटे मनोज यादव, जो अरवल विकास मंच के अध्यक्ष और रेल आंदोलन के मुख्य संयोजक हैं, ने बताया कि इस समस्या को लेकर वर्षों से आवाज उठाई जा रही है। उनके अनुसार, ये पेड़ वाहन चालकों का संतुलन बिगाड़ देते हैं, जिससे प्रतिदिन छोटे-बड़े हादसे होते हैं। इन दुर्घटनाओं में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि कुछ मामलों में हाथ-पैर टूटने की घटनाएं भी सामने आई हैं। पिछले वर्ष तो सड़क दुर्घटनाओं में मौतें तक हुई थीं, फिर भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं खोजा गया है। जिला पदाधिकारी से भी हुई शिकायत मनोज यादव ने जानकारी दी कि जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में कई बैठकें हुईं, जिनमें इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। सभी राजनीतिक दलों, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों ने भी संबंधित विभागों को अवगत कराया है कि नहर रोड अरवल और मेहंदिया को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है, जहां से रोजाना बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं। ऐसे में सड़क के बीच खड़े ये बड़े पेड़ लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। समस्या के समाधान की अपील मनोज यादव ने जिला प्रशासन से तत्काल इन पेड़ों को हटाने, सड़क को चौड़ा करने और सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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