अलीगढ़ में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान में अलीगढ़ मंडल अभी भी लक्ष्य से काफी पीछे है। मंडल के चारों जिलों में 11.17 लाख मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने अब तक गणना प्रपत्र नहीं भरा है। इनमें दोहरी प्रविष्टियां, स्थानांतरण, मृतक और अनुपस्थित (ASD) श्रेणी के मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन आयोग के विशेष रोल प्रेक्षक निखिल गजराज ने कलेक्ट्रेट में मंडल के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। रिपोर्ट के अनुसार मंडल में 63.29 लाख मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन अब तक केवल 52.12 लाख ही प्रपत्र भर पाए हैं। जिले लक्ष्य से पीछे, डुप्लीकेट और मृतक नाम बड़ी बाधा समीक्षा में पता चला कि पुनरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में डुप्लीकेट वोट, स्थानांतरित और मृतक मतदाता चिह्नित हुए हैं। इसी कारण कई जिलों में अपूर्ण गणना प्रपत्रों की संख्या बढ़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में घर–घर पहुंचकर प्रपत्र भरवाने की रफ्तार बढ़ाई गई है। नए मतदाताओं के फॉर्म-6 पर विशेष फोकस है। अलीगढ़ मंडल की यह है स्थिति अलीगढ़ की सात विधानसभा में 3016 बूथ हैं। यहां 27,96,379 मतदाताओं में से 5,21,827 फॉर्म अभी लंबित हैं। इसके साथ ही हाथरस में 1,85,478 और कासगंज में 1,81,184 गणना प्रपत्र से बाहर हैं। यही स्थिति एटा की है, यहां भी 2,29,478 गणना प्रपत्र छूटे हुए हैं। बीएलओ–बीएलए हर छूटे मतदाता तक पहुंचें प्रेक्षक गजराज ने कहा कि छूटे हुए मतदाताओं की सूची को जनप्रतिनिधियों, इंटरनेट मीडिया, स्थानीय स्तर पर सूचना तंत्र के जरिए व्यापक रूप से साझा किया जाए, ताकि कोई भी वैध मतदाता छूट न जाए। उन्होंने बीएलओ और बीएलए को प्रत्येक बूथ पर समन्वय बैठकें कर चिह्नीकरण, सत्यापन और डुप्लीकेट व मृतक नाम हटाने का कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। समय सीमा बढ़ने से राहत प्रदेश में अभियान की धीमी प्रगति को देखते हुए चुनाव आयोग ने गणना प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी है। इसी के साथ 16 दिसंबर को प्रस्तावित ड्राफ्ट सूची अब 31 दिसंबर को संशोधित रूप में जारी की जाएगी। यह बढ़ा हुआ समय छूटे मतदाताओं तक पहुंचने में बड़ी राहत माना जा रहा है। डुप्लीकेट प्रविष्टियों को हटाने पर जोर समीक्षा के बाद प्रेक्षक निखिल गजराज ने कहा कि अलीगढ़ में पुनरीक्षण की प्रक्रिया सही दिशा में है। बीएलओ बूथ स्तर पर जाकर जनप्रतिनिधियों के साथ हर मतदाता की मैपिंग कर रहे हैं। किसी भी वैध वोटर को दिक्कत नहीं होगी, उसका नाम हर हाल में मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा। यह फर्जी वोट का मसला नहीं है। कई बार एक ही व्यक्ति के दो जगह वोट मिल जाते हैं, और उन्हीं डुप्लीकेट प्रविष्टियों को हटाने पर जोर है।
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