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गोरखपुर से गिरफ्तार फर्जी आईएएस ने बांका में की थी 2 करोड़ की ठगी

यूपी के गोरखपुर से गुरुवार को गिरफ्तार फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर के बांका से भी तार जुड़ा हुआ है। नौकरी दिलाने और बीएड कराने के नाम पर यहां से भी उसने लोगों से 2 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इसके बाद टाउन थाना व बांका कोर्ट में भी उसके विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज हुआ था। गौरव सिंह 2017 में बांका में मदद वेलफेयर सोसाइटी लेकर पहुंचा था, जिसके जरिये उसने पहले गरीबों की मदद करने का ताना-बाना बुना। जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर महादलित टोला में गरीबों के बीच कंबल व साड़ी वितरण करने लगा और सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक छाया रहता था। बाद में उसने आदित्य पूजा सेवा संस्थान और आदित्य सुपर 50 नाम से संस्थान बनाया। आदित्य पूजा सेवा संस्थान के जरिये लोगों की मदद किए जाने का दिखावा करना प्रारंभ किया, तो वहीं आदित्य सुपर-50 के नाम से कोचिंग संस्थान भी प्रारंभ कराया और गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने लगा। इसी की आड़ में उसने लोगों को नौकरी दिलाने व बीएड कराने का झांसा देना प्रारंभ किया और लोग ठगी का शिकार होने लगे। ठगी के शिकार लोगों ने की थी शिकायत गौरव कुमार ने बांका के केलावाड़ी गांव के सत्यनारायण पंडित को शिकार बनाते हुए नौकरी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी की थी। बाबूटोला स्थित जिनके मकान में किराये पर रहता था, उनसे 10 लाख की ठगी की थी। करहरिया मोहल्ला निवासी सुधीर दास से 5 लाख रुपये ठगी की थी। इसके अलावे शहर के बांका गेस्ट हाउस के समीप कम्प्युटर का दुकान संचालित करने वाले तन्मय कुमार से करीब 2 लाख रुपये की उधार कम्प्युटर, प्रिंटर अन्य उपकरण की खरीद की थी, जिसका भुगतान किये बिना ही यहां से फरार हो गया था। कई लोगों से बीएड व नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। ललित किशोर कुमार के विरुद्ध टाउन थाना में 350-23 एवं कोर्ट में नालसी वाद भी दर्ज है। विधिसम्मत कार्रवाई होगी बांका मुख्यालय के सह पुलिस उपाधीक्षक प्रभारी एसपी आदित्य कुमार ने इस मामले में कहा कि फर्जी आईएएस के गोरखपुर में गिरफ्तार होने की विधिवत सूचना नहीं मिली है। केस की स्थिति की जानकारी ली जाएगी और इस मामले में जो भी विधिसम्मत कार्रवाई होनी है, की जाएगी। झांसे में लेने के लिए सम्मान समारोह आयोजित करता था फर्जी आईएएस गौरव बांका के लोगों को शिकार बनाने के लिए और लोगों में छवि अच्छी बनाने के लिए पहले पटना स्थित विभागीय सचिव कार्यालय पहुंचता था और जिले में नि:शुल्क बच्चों को शिक्षा देने की बात कह शिक्षा विभाग तक से पत्र जारी करा लेता था। उसने आदित्य सुपर 50 में नि:शुल्क कोचिंग के लिए सरकारी स्कूलों में परीक्षा तक का आयोजन कराया गया था। मैट्रिक व इंटर में अच्छा अंक पाने वाले छात्रों को सम्मानित करता था जिससे लोग उसके झांसे में आ गए थे।


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