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समागम : साहित्य की आत्मा इंसान में बसती है, मशीन में नहीं

म्यूजियम सभागार में 14 दिसंबर को होगा मगध महोत्सव पटना }मातृभाषा हिंदी संगठन द्वारा 14 दिसंबर को पटना म्यूजियम सभागार में मगध महोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम चार सत्रों में होगा। सुबह 9 बजे साहित्यिक सत्र, दोपहर 1 बजे पुस्तक विमोचन, शाम 3 बजे मगध गौरव सम्मान और शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक सांस्कृतिक महोत्सव होगा। कार्यक्रम में झिझिया नृत्य दल, रामायण नाट्य मंचन दल, लोकगायक कलाकार और कवि-गीतकार चंदन राय प्रस्तुति देंगे। विशेष वक्ता के रूप में अभ्यानंद, डॉ. सहजानंद और आशीष कुमार वर्मा शामिल होंगे। पटना }डिजिटल दौर में पत्र और कागज की खुशबू जैसी आत्मीयता कम होती जा रही है। ऑनलाइन साप्ताहिक साहित्यिक कार्यक्र में रचनाकार सिद्धेश्वर ने यह बात कही।। उन्होंने कहा कि एआई भाषा सुधार सकती है, पर असली साहित्य मनुष्य की संवेदनशीलता से ही जन्म लेता है। कार्यक्रम में उन्होंने पत्र-संस्कृति, आज की डिजिटल प्रवृत्तियों और मौलिक रचना की जरूरत पर चर्चा की। पुस्तकनामा खंड में शमां कौशर शमां की पुस्तक ‘जलती हुई लौ’ की समीक्षा दिखाई गई। साथ ही लेखिका-चित्रकार स्वराक्षी स्वरा से उनकी छोटी बातचीत भी प्रस्तुत की गई, जिसमें उन्होंने कहा कि कविता वही है जो दिल को सीधे छू जाए। ‘सिद्धेश्वर की महफ़िल’ खंड में गालिब, फैज, बच्चन, राहत इंदौरी और गुलजार समेत 10 शायरों की रचनाएं सुनाई गईं। इंदु उपाध्याय ने लोकभाषा में अपना गीत पेश किया और सिद्धेश्वर ने कई अपनी शायरियां पढ़ीं।


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