सिटी रिपोर्टर| खोदावंदपुर खोदावंदपुर प्रखंड की पंचायत समिति बैठक गुरुवार को उस समय विवादों में घिर गई, जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की गैरहाजिरी में आए आयुष चिकित्सक डॉ. मुस्तफा को सदन से बाहर कर दिया गया। समिति सदस्य मिथिलेश मिश्रा ने उनकी मौजूदगी को नियमों के खिलाफ बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। सदन ने आपत्ति स्वीकार की और डॉक्टर को बाहर करवाने के बाद ही बैठक की आगे की कार्यवाही शुरू हो सकी। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और आधिकारिक बैठकों को हल्के में लेने की प्रवृत्ति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बैठक कर्पूरी भवन सभागार में प्रखंड प्रमुख संजू देवी की अध्यक्षता में हुई। प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने पिछली बैठक की कार्रवाई और एजेंडा सदन के पटल पर रखकर ध्वनि मत से पारित कराया। इसके बाद सदस्यों ने क्रमवार अपनी समस्याएं और प्रस्ताव सामने रखे। सदस्य मिथिलेश मिश्रा ने बैठक की नियमितता पर जोर देते हुए कहा कि दो माह में एक बार पंचायत समिति बैठक का आयोजन अनिवार्य रूप से हो, ताकि विकास कार्यों की समीक्षा सुचारू रहे। उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर बैठक को हल्का लेने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। प्रभारी सीडीपीओ नितेश कुमार ने मातृत्व वंदना योजना, पोषण अभियान, गोद भराई, अन्नप्रशान और पोषाहार पर विस्तृत रिपोर्ट रखी। उन्होंने बताया कि कई जगह आंगनबाड़ी केंद्रों पर मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा, जो गंभीर लापरवाही है। सदस्यों ने भी केंद्रों में भोजन वितरण की स्थिति पर चिंता जताते हुए जांच की मांग की। साथ ही विभिन्न पंचायतों में सेविका और सहायिका के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया गया। मुखिया मेघौल, पुरुषोत्तम सिंह ने पंचायत चुनाव के दौरान ठप पड़े विकास कार्यों को तेज करने की मांग की। उन्होंने कृषि कार्यालयों के स्थान को सार्वजनिक करने, किसानों के लिए केवाईसी शिविर आयोजित कराने और कृषि बिजली कनेक्शन पूर्ण करने पर जोर दिया। उन्होंने शिकायत की कि कई स्थानों पर पोल गाड़ दिए गए हैं, लेकिन तार अब तक नहीं जोड़े गए। पंसस विनोद साहनी ने आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 89 में रिक्त सेविका पद की समस्या उठाई और अन्य पंचायतों में लंबित नियुक्तियों पर चिंता जताई। कई सदस्यों ने बताया कि केंद्रों पर मीनू बोर्ड तो लगा है, लेकिन उसका पालन नहीं होता। कृषि समन्वयक मनोरंजन कुमार ने बताया कि रबी फसलों के लिए मसूर, मटर और तिल सहित अनुदानित बीज उपलब्ध हैं। सदस्यों ने किसान सम्मान निधि उन किसानों के लिए पुनः चालू करने का प्रस्ताव रखा जिनका भुगतान बीच में बंद हो गया है।
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