बलिया में एक महत्वपूर्ण फैसले में, विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) कोर्ट संख्या-8 ने पाक्सो एक्ट के एक दोषी को चार वर्ष के सश्रम कारावास और ₹3,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ अभियान के तहत प्रभावी पैरवी का परिणाम है। अभियुक्त की पहचान संजय शाह पुत्र शिवचन्द्र शाह, निवासी चारपुर बेदुआ, थाना कोतवाली, जनपद बलिया के रूप में हुई है। यह मामला थाना कोतवाली में मु0अ0सं0- 938/2017 के तहत धारा 354(A), 506, भादवि और धारा 7/8 पाक्सो एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किया गया था। न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 8 पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹2,000 का अर्थदंड दिया। अर्थदंड न अदा करने पर उसे 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। इसके अतिरिक्त, धारा 506 भादवि के तहत दोषी पाए जाने पर 1 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1,000 का अर्थदंड सुनाया गया। अर्थदंड न चुकाने पर 1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि वादिनी ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी का हाथ पकड़कर खींचा था और शोर मचाने पर धमकी देकर भाग गया था। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के अंतर्गत, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के कारण यह सजा संभव हो पाई। अभियोजन अधिकारी विमल कुमार राय ने इस मामले में पैरवी की।
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