पौष कृष्ण प्रतिपदा 16 दिसंबर मंगलवार से सनातन धर्मावलंबियों का खास महीना खरमास शुरू हो रहा है। खरमास शुरू होते ही हिंदुओं के शुभ कार्यों या मांगलिक कार्यों पर महीने भर के लिए रोक लग जाएगी। सूर्य के गुरु की राशि धनु में गोचर करने पर खरमास शुरू होगा और मकर राशि में प्रवेश पर खत्म हो जाएगा। 16 दिसंबर मंगलवार की दोपहर 1.24 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के धनु राशि में गोचर से खरमास का आरंभ हो जाएगा। मिथिला पंचांग में भद्रामुख के हिसाब से समय निर्धारित की जाती है। जबकि बनारसी पंचांगों में भद्रा पूछ के अनुसार। फिर नए साल में 14 जनवरी बुधवार माघ कृष्ण एकादशी की रात्रि 9.19 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने से खरमास समाप्त हो जाएगा। सूर्य ही संक्रांति और लग्न के राजा माने जाते हैं। इनकी राशि का परिवर्तन ही खरमास का द्दोतक है। सूर्य का राशि परिवर्तन समय {सूर्य का धनु राशि में प्रवेश: मंगलवार 16 दिसंबर, दोपहर 1.24 बजे {सूर्य का धनु राशि में समयावधि: लगभग एक मास {सूर्य की स्थिति में परिवर्तन: 14 जनवरी 2026 की रात्रि 9.19 बजे मकर राशि में प्रवेश खरमास भगवत पूजन व सेवा करने का मास खरमास में भगवान नारायण की पूजा विशेष फलदायी होता है। इस मास में विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त, सत्यनारायण कथा, भागवत पाठ, आदित्य हृदयस्त्रोत्र का पाठ, भास्कर को अर्घ्य और गरीब, असहाय को अन्न, वस्त्र का दान, गौ सेवा, बड़े-बुजुर्गों की सेवा, ब्राह्मण को अन्न, फल, ऊनी वस्त्र का दान करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है। खरमास में पितृ पिंडदान का खास महत्व है। खरमास में भगवान विष्णु विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं। वर्ष में पहला खरमास धनुर्मास और दूसरा मीन मास में लगता है साल में दो बार खरमास लगता है। पहला खरमास धनुर्मास और दूसरा मीन मास में लगता है। यानि सूर्य जब गुरु की राशियों धनु व मीन में प्रवेश करता है, तो खरमास होता है। क्योकि, सूर्य के कारण गुरु निस्तेज हो जाते हैं, इसीलिए सूर्य के गुरु की राशि में प्रवेश करने से विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने पंचागों के हवाले से बताया कि खरमास में कोई भी शुभ मांगलिक आयोजन नहीं होंगे। विवाह, नए घर में गृह प्रवेश, नए वाहन की खरीद, संपत्तियों का क्रय-विक्रय आैर मुंडन संस्कार जैसे अनेक शुभ कार्य वर्जित होते हैं। खरमास 14 जनवरी 2026 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद समाप्त होगा। शुभ कार्य वर्जित
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