PM ने देख के पहले फ्रेट विलेज की रखी आधारशिला:वाराणसी में रामनगर के राल्हपुर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा,ड्राई-डॉक की होगी सुविधा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी के रामनगर में गंगा नदी के किनारे एक अत्याधुनिक शिप रिपेयरिंग सेंटर और देश के पहले फ्रेट विलेज की आधारशिला वर्चुअली रखी। यह पहल “समुद्र से समृद्धि” मिशन के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य देश में जल परिवहन को सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है। वाराणसी में उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के वर्तमान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह मौजूद रहे। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी में जल यातायात को बढ़ावा देना और काशी को एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करना है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि “चिप हो या शिप, हमें भारत में ही बनाना होगा।” उन्होंने समुद्री संसाधनों और जलमार्गों के बेहतर उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। रामनगर में ड्राई-डॉक की सुविधा इस परियोजना के तहत रामनगर में एक आधुनिक ड्राई-डॉक विकसित किया जा रहा है। ड्राई-डॉक एक प्रकार का आयताकार बेसिन होता है जिसमें जहाज को मरम्मत के लिए लाकर खड़ा किया जाता है और उसके बाद पंप के जरिए पानी निकाल दिया जाता है। सूखी सतह पर जहाज की मरम्मत की जाती है और कार्य पूर्ण होने के बाद दोबारा पानी भरकर जहाज को नदी में उतार दिया जाता है। यह ड्राई-डॉक सुविधा गंगा नदी किनारे बनने वाला पहला केंद्र होगा। अब तक ऐसी मरम्मत की सुविधाएं केवल समुद्र तटों पर ही उपलब्ध थीं, लेकिन अब गंगा के किनारे यह सुविधा आने से उत्तर भारत के जल परिवहन को नई दिशा मिलेगी। इस सेंटर में एक साथ चार जलयानों की मरम्मत संभव होगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी। रोजगार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा इस परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। आईडब्ल्यूएआई (Inland Waterways Authority of India) के अनुसार, एक जलयान की मरम्मत के लिए प्रतिदिन 30-40 कुशल व अकुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इससे न केवल तकनीकी क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार होगा, बल्कि आसपास के इलाकों का सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा। देश का पहला फ्रेट विलेज प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के पहले फ्रेट विलेज का भी ऑनलाइन शिलान्यास किया, जो कि रामनगर के राल्हपुर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। लगभग 100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और परियोजना को जल्द ही गति मिलने की उम्मीद है। यह फ्रेट विलेज गंगा में जल परिवहन के साथ-साथ सड़क और रेल परिवहन को भी जोड़ते हुए एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में कार्य करेगा।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर