नोएडा सिटिजन फोरम ने शहर की लगातार बिगड़ती व्यवस्थाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए सोमवार को 15 बड़े मुद्दे उठाए। फोरम के चेयरमैन और रिटायर्ड आईएएस डॉ. योगेन्द्र नारायण की अगुआई में नोएडा मीडिया क्लब में हुई प्रेसवार्ता में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर कड़ा सवाल खड़ा किया गया। डॉ. योगेन्द्र नारायण ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण में लोकपाल की नियुक्ति होनी चाहिए। अब तक नहीं बना सलाहकार बोर्ड
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआईटी और नागरिक सलाहकार बोर्ड बनाए जाने के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। फोरम ने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में अत्यंत आवश्यक कदम बताया। रजिस्ट्री संकट पर उन्होंने कहा कि हजारों परिवार पूरी रकम देने के बावजूद रजिस्ट्री से वंचित हैं। बिल्डरों द्वारा मनमाना ट्रांसफर चार्ज, अन-रजिस्टर्ड फ्लैटों की अवैध बिक्री और प्राधिकरण के नोटिस की अनदेखी को गंभीर लापरवाही बताया गया। रजिस्ट्री खोलने की मांग
उन्होंने पूर्ण-भुगतान वाले सभी फ्लैटों की तत्काल रजिस्ट्री खोलने की मांग की। फोरम के महासचिव प्रशांत त्यागी कहा कि ने गैर-निर्धारित क्षेत्रों में डंपिंग साइटों पर आग, शहरभर में अवैध निर्माण और हाई-राइज इमारतों में फायर सेफ्टी संसाधनों की भारी कमी को जीवन के लिए खतरा बताया। इसके अलावा उन्होंने सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, बिजली कटौती, टूटे केबल, जल संकट, पुरानी सीवर लाइनें, शहर में बढ़ती भिक्षावृत्ति, और ई-रिक्शा की अव्यवस्था को भी बड़े शहरी संकट बताते हुए त्वरित समाधान की मांग की गई। शिकायत निवारण पोर्टल बनाए
वार्ता के दौरान फोरम की संरक्षक शालिनी सिंह ने एक मजबूत शिकायत निवारण पोर्टल, अद्यतन सिटिजन चार्टर और प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में सिविल सोसाइटी की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने ने कहा कि वह नागरिकों के अधिकार, पारदर्शी प्रशासन और बेहतर शहरी प्रबंधन के लिए सिटिजन फोरम अपना संघर्ष जारी रखेगा।
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