DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

कोडीन सिरप तस्करी का मामला:गाजियाबाद के सहायक खाद्य आयुक्त पहले हुए लखनऊ अटैच, फिर निलंबित, हाईकोर्ट में अटैचमेंट आदेश पर स्टे के कुछ घंटे बाद कार्रवाई

कोडीन कफ सिरप की तस्करी पर बढ़ती चिंताओं और इंटरनल इनपुट्स के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के सहायक खाद्य आयुक्त अरविंद कुमार यादव को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई ठीक उस दिन हुई, जब हाईकोर्ट ने उनके अटैचमेंट आदेश पर स्टे दिया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कोडीन सिरप के यूपी से एनसीआर और दिल्ली तक पहुंचने में लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। कमिश्नर, IAS डॉ. रौशन जैकब ने इस पूरे प्रकरण पर इंटरनल जांच बैठाई है। कोडीन सिरप मामले पर बढ़ी सख्ती, इंटरनल इनपुट के बाद कार्रवाई उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद, एनसीआर और दिल्ली तक कोडीन कफ सिरप पहुंचने की शिकायतों ने FSDA को बड़े स्तर पर सतर्क कर दिया था। विभागीय सूत्र बताते हैं कि कुछ अधिकारियों की लापरवाही, ढीला रवैया और नेटवर्क पर उचित निगरानी न होने के कारण यह प्रतिबंधित सिरप आसानी से बॉर्डर पार कर रहा था। इसी दौरान कई सहायक खाद्य आयुक्तों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। कमिश्नर डॉ. रौशन जैकब ने राज्यभर में ऐसे अधिकारियों की भूमिका की इंटरनल पड़ताल शुरू कराई है, जिन पर तस्करी रोकने में लापरवाही या संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप सामने आए हैं। अटैचमेंट से निलंबन तक: पूरा विवाद कैसे बढ़ा 27 अक्टूबर को FSDA ने गाजियाबाद के सहायक खाद्य आयुक्त अरविंद यादव को लखनऊ खाद्य आयुक्त कार्यालय में अटैच करने का आदेश जारी किया था।इसके बाद 6 नवंबर को उन्हें औपचारिक रूप से रिलीव करने का निर्देश भेजा गया।अरविंद यादव ने इस आदेश का विरोध करते हुए FSDA कमिश्नर को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।8 दिसंबर को हाईकोर्ट ने उनके अटैचमेंट आदेश पर स्टे जारी करते हुए अगली सुनवाई पर सरकार और खाद्य आयुक्त से काउंटर एफिडेविट दाखिल करने को कहा। लेकिन उसी शाम खाद्य आयुक्त कार्यालय ने अरविंद यादव को निलंबित कर दिया। विभागीय सूत्रों का दावा “तालमेल नहीं, मनमानी छापेमारी, कुछ व्यापारियों को फायदा” सूत्रों के मुताबिक, निलंबन की प्रमुख वजहें थीं• वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल न होना, विभागीय सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कोडीन तस्करी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच ऐसे अधिकारियों की जवाबदेही तय करना जरूरी था, जो निगरानी व्यवस्था की कमर माने जाते हैं। राज्यभर में और भी अधिकारियों की होगी जांच FSDA कमिश्नर IAS डॉ. रौशन जैकब ने कोडीन सिरप के अवैध कारोबार में संभावित विभागीय लापरवाही की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। कई जिलों में तैनात सहायक खाद्य अधिकारियों की कार्यशैली और तस्करी पर निगरानी में उनकी भूमिका की जांच के आदेश जारी हो चुके हैं। सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं, पूरे राज्य में कोडीन बेस्ड दवाओं की सप्लाई चेन की नए सिरे से मॉनिटरिंग की जा रही है।


https://ift.tt/weAaS0Z

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *