संभल के भुवनेश्वर तीर्थ पर कथित नागा साधु के रूप में रह रहे उमाशंकर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उस पर जूना अखाड़ा का नाम लेकर पहचान छिपाने, तीर्थ भूमि के निजीकरण का प्रयास करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर अधिकारियों को धमकाने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने एक महंत की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। यह मामला संभल जनपद के थाना रायसत्ती क्षेत्र के खानपुर खुम्भार स्थित भुवनेश्वर तीर्थ से जुड़ा है। बुधवार दोपहर को संभल कोतवाली क्षेत्र के शहजादी सराय स्थित क्षेमनाथ मंदिर के महंत बाल योगी दीनानाथ अन्य साधु-संतों के साथ भुवनेश्वर तीर्थ पहुंचे थे। उन्होंने कथित नागा साधु उमाशंकर से बातचीत की, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर अधिकारियों से शिकायत की। महंत बाल योगी दीनानाथ ने आरोप लगाया कि उमाशंकर किसी झूठे नाम से रह रहा है, क्योंकि ‘उमाशंकर’ किसी संत का नाम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वह खुद को जूना अखाड़े से बताता है, लेकिन यदि वह अखाड़े से होता तो अपने नाम के आगे ‘गिरि’ या ‘पुरी’ जैसे उपनाम लगाता। महंत ने कहा कि जूना अखाड़ा अत्यंत सम्माननीय है और उसके सदस्य को त्याग व तपस्या से रहना चाहिए। उमाशंकर अखाड़े के नाम का दुरुपयोग कर तीर्थ की संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा था। महंत दीनानाथ ने यह भी बताया कि उमाशंकर के संबंध मुस्लिम व्यक्तियों से अधिक हैं। खानपुर खुम्भार में जो भूमि निकली है, उसका उपयोग कोई हिंदू व्यक्ति नहीं कर रहा, बल्कि मुस्लिम समाज के लोग कर रहे हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से इस जगह की जांच करने की मांग की। महंत ने कहा कि यह सार्वजनिक भूमि है और इसका उपयोग किसी एक व्यक्ति के निजी स्वरूप में नहीं, बल्कि सार्वजनिक रूप से होना चाहिए।
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