संसद में वंदे मातरम को लेकर चल रही बहस के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के करीबी तथा शिवहर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी राणा रंजीत सिंह बुधवार को शिवहर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में जानबूझकर ऐसे मुद्दों को हवा दी जा रही है, जबकि देश के वास्तविक सवालों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बंगाल और यूपी चुनाव नजदीक होने के कारण वंदे मातरम को लेकर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है, जबकि मुस्लिम समाज ने कभी भी राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत का अनादर नहीं किया है। ‘मुस्लिम भाई खड़े होकर सम्मान देते हैं’ उन्होंने आगे कहा, “मुस्लिम समाज अपनी धार्मिक शिक्षा के अनुसार एक ईश्वर की उपासना करता है और यही उनका कलमा बताता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करते। जहां भी वंदे मातरम या राष्ट्रगान गाया जाता है, मुस्लिम भाई खड़े होकर सम्मान देते हैं। इसे गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।” ‘दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी’ राणा रंजीत सिंह ने कहा, “अगर राम प्रसाद बिस्मिल ने फांसी का सामना किया, तो अशफ़ाकउल्ला खान भी उसी फांसी पर चढ़े थे। देश की आजादी में दोनों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी,” उन्होंने कहा। AIMIM नेता ने कहा कि वंदे मातरम को लेकर नफरत फैलाना गलत है। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी मुस्लिम ने कभी राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत का अपमान किया हो, तो उदाहरण दीजिए। केवल धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश हो रही है।’ अंत में उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि बेरोजगारी, महंगाई और विकास जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हो, न कि लोगों को धार्मिक बहसों में उलझाने की।
https://ift.tt/RwyoOQW
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply