बिहारशरीफ जिला अग्निशमन कार्यालय कैंपस में आज CBRN (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल एंड न्यूक्लियर) मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिला आपदा प्रबंधन की देखरेख में संपन्न हुए इस एक्सरसाइज का उद्देश्य रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु आपदा की स्थिति में विभागों की तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन करना था। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 9वीं बटालियन, बिहटा पटना के दल ने इस मॉक ड्रिल में एक काल्पनिक CBRN आपदा की स्थिति प्रस्तुत की। एक्सरसाइज के दौरान इमरजेंसी इन्फॉर्मेशन पैनल की स्थापना, रिसपॉन्स टीम की तैनाती और स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) बेस्ड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम का व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। NDRF के अधिकारियों ने बताया कि किसी भी CBRN घटना में प्रथम प्रतिक्रिया सबसे निर्णायक होती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि त्वरित सूचना संप्रेषण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रतिक्रिया और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय ही ऐसी आपदाओं से निपटने की कुंजी है। मॉक ड्रिल में प्रभावित क्षेत्र से लोगों को निकलने की तकनीक बताई मॉक ड्रिल के दौरान सबसे पहले खतरनाक रासायनिक, जैविक या रेडियोलॉजिकल पदार्थों की पहचान की प्रक्रिया दिखाई गई। विशेष उपकरणों और तकनीकों का प्रयोग कर यह बताया गया कि कैसे खतरे की प्रकृति और स्तर का निर्धारण किया जाता है। प्रभावित क्षेत्र और व्यक्तियों को दूषित पदार्थों से मुक्त करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया। इसमें विशेष रसायनों और उपकरणों के माध्यम से संक्रमण को फैलने से रोकने की तकनीक दिखाई गई। पीड़ितों को सुरक्षित निकालने और उनकी स्थिति के आधार पर प्राथमिकता तय करने की प्रणाली समझाई गई। इसमें गंभीर रूप से प्रभावित और कम प्रभावित लोगों को अलग-अलग वर्गीकृत करने की विधि बताई गई। राहत कर्मियों और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों और प्रोटोकॉल का प्रदर्शन किया गया। इस अभ्यास की सबसे बड़ी विशेषता रही विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और संयुक्त प्रतिक्रिया। आयुध निर्माण, यातायात पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रबंधन विभाग और जिला समाहरणालय के कर्मियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। अभ्यास के बाद हुई समीक्षा बैठक में विभागीय प्रतिक्रिया की कार्यप्रणाली, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की गुणवत्ता, संसाधनों में मौजूद अंतराल (Gap Analysis) और भविष्य में सुधार के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। उच्च अधिकारियों ने सराहा प्रयास कार्यक्रम में NDRF की 9वीं बटालियन के उप-कमांडेंट, आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी, नालंदा के सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी (ADMO) सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने इस अभ्यास को अत्यंत सफल बताते हुए कहा कि ऐसे मॉक ड्रिल से न केवल विभागों की तैयारियों का आकलन होता है, बल्कि कर्मियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलता है। उन्होंने कहा कि नालंदा जिले में CBRN जैसी गंभीर आपदा से निपटने की क्षमता विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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