काशी तमिल संगमम् के पाँचवे समूह के आगमन पर काशी विश्वनाथ मंदिर के शास्त्रियों ने पुष्पवर्षा डमरू और वेदध्वनी के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया। सभी अथितियो ने हर हर महादेव और जय विश्वनाथ के साथ श्री विश्वेश्वर के चरणों में अपनी श्रद्धा व्यक्त की। देखें तस्वीर… स्वागत के उपरांत सदस्यों को मंदिर प्रशासन द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण करवाया गया। भ्रमण के दौरान सभी ने धाम के ऐतिहासिक स्वरूप, स्थापत्य कला, नवनिर्मित सुविधाओं और निरंतर बढ़ती श्रद्धा-धारा के बारे में जानकारी प्राप्त की। भ्रमण पूर्ण होने पर सभी अतिथियों के लिए मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई। शास्त्रियों ने सीखा तमिल काशी तमिल संगमम् की इस वर्ष की मुख्य थीम तमिल कराकलम् है, जिसका अर्थ है आओ, तमिल सीखें। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) के प्रोफ़ेसर शिवा द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम के शास्त्रियों को तमिल भाषा का परिचय कराया गया। देखें तस्वीर…. इस शिक्षण सत्र में “तमिल में पशुओं के नाम” तमिल में “क–ख–ग” जैसे मूल वर्ण,तथा तमिल के स्वरों का अभ्यास कराया गया। आज के शिक्षण सत्र का उद्देश्य काशी और तमिल परंपरा के बीच प्राचीन सांस्कृतिक सेतु को और अधिक सुदृढ़ बनाना है, ताकि दोनों प्रदेशों के विद्याधरों और साधकों के मध्य ज्ञान–विनिमय सहज रूप से आगे बढ़ सके।
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