शिवहर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायिक अधिकारी ललन कुमार ने कहा कि यह दिवस मानव सम्मान की सबसे बड़ी नींव है। उन्होंने बताया कि हर साल 10 दिसंबर को यह दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान, स्वतंत्रता और समानता के साथ जीवन जीने के अधिकार की याद दिलाना है। सचिव ललन कुमार ने जानकारी दी कि मानवाधिकार दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में पारित सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा की वर्षगांठ का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवाधिकार किसी सरकार का उपहार नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है। मुख्य संदेशों पर डाला प्रकाश उन्होंने मानवाधिकार दिवस के मुख्य संदेशों पर प्रकाश डाला। इनमें समानता और न्याय का संरक्षण, भेदभाव के हर रूप का विरोध, कमजोर, शोषित और पीड़ित लोगों की आवाज बनना तथा समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना शामिल है। सचिव ने यह भी बताया कि यह दिवस लोगों को अपने अधिकारों के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने का संदेश देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जाति, धर्म, जेंडर, भाषा या किसी अन्य आधार पर किया गया भेदभाव मानवाधिकारों के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है। मानवाधिकारों को व्यवहार में उतारने की अपील उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से अपील की कि वे मानवाधिकारों को अपने व्यवहार में उतारें और उनके संरक्षण के लिए मिलकर प्रयास करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति अन्याय, शोषण या अत्याचार का शिकार न हो।
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