लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में CSR फंडिंग का सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र को मिला, जबकि गुजरात और कर्नाटक दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा CSR खर्च हुआ. वहीं लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को बेहद कम फंड मिला. कुछ राज्यों में CSR में तेज बढ़ोतरी, तो कई में बड़ी गिरावट दर्ज हुई.
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