लखनऊ CBI की स्पेशल कोर्ट ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) के UIET में तैनात रहे ऑफिस असिस्टेंट विजय कुमार द्विवेदी को रिश्वत मामले में चार साल की कैद और 30,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। CBI की टीम ने आरोपी को 2017 में एक कॉन्ट्रैक्चुअल असिस्टेंट प्रोफेसर से 50,000 रुपये की घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। लगभग आठ साल तक चले मुकदमे के बाद मंगलवार को कोर्ट ने यह सजा सुनाई। कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने के नाम पर मांगी थी 50 हजार की रिश्वत CBI ने यह मामला 2 जून 2017 को उस शिकायत के बाद दर्ज किया था, जिसमें UIET के एक कॉन्ट्रैक्चुअल असिस्टेंट प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि ऑफिस असिस्टेंट विजय कुमार द्विवेदी ने उनकी सेवा अवधि बढ़ाने के लिए 50,000 रुपये की अवैध मांग की। शिकायत के मुताबिक आरोपी ने दावा किया था कि वह यह ‘सिफारिश’ UIET के निदेशक के माध्यम से करवाएगा। ट्रैप कार्रवाई में रंगेहाथ दबोचा गया आरोपी शिकायत की पुष्टि के बाद CBI ने जाल बिछाया। ट्रैप के दौरान विजय कुमार द्विवेदी शिकायतकर्ता से 50,000 रुपये रिश्वत लेते समय पकड़ लिया गया। मौके से मिले साक्ष्यों और बरामद रकम को कोर्ट में मजबूत सबूत माना गया। आठ साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा CBI ने जांच पूरी कर 1 अगस्त 2017 को चार्जशीट दाखिल की थी। लगभग आठ साल तक चले ट्रायल के बाद 9 दिसंबर 2025 को CBI की विशेष अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और चार साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि सरकारी संस्थान में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली ऐसी मांगें गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं।
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