निशिकांत दुबे ने कहा कि कोलकाता में 2011 की स्थिति और उसके पहले के वर्षों के राजनीतिक एवं सामाजिक बदलावों पर चर्चा की गई है. बताया गया कि उस समय होम मिनिस्टर कांग्रेस का था और सीपीएम एवं कांग्रेस ने मिलकर मुसलमान समुदाय को आगे लाने का प्रयास किया। इससे विरोध भी हुआ, खासकर सिर के खिलाफ, और ईवीएम के विरोध की बात भी होती है।
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