बागपत में 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बागपत द्वारा इसकी जानकारी दी गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शबिस्ता आकिल ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। शबिस्ता आकिल ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जनपद के सभी न्यायालयों में एक साथ लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के लंबित विवादों को आपसी सहमति से, शीघ्र, सरल और कम खर्च में निपटाना है। प्राधिकरण के अनुसार, इस लोक अदालत में दीवानी और आपराधिक प्रकृति के विभिन्न मामलों का निपटारा किया जाएगा। इनमें बैंक वसूली, चेक बाउंस (धारा 138 एनआई एक्ट), मोटर दुर्घटना दावा (MACT), धन उधारी, श्रम विवाद, बिजली विवाद और उपभोक्ता विवाद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पारिवारिक एवं वैवाहिक मामले (सहमति से निस्तारण योग्य), भरण-पोषण, किरायेदारी विवाद, बंटवारा, सीमा, दीवार व वृक्ष संबंधी विवाद, तथा सरकारी अनुबंधों व देयों से जुड़े मामलों पर भी सुनवाई होगी। विभिन्न विभागों के प्री-लिटिगेशन मामलों को भी लोक अदालत के माध्यम से निपटाया जाएगा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने लोक अदालत में निस्तारण के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि आपसी सहमति से समाधान होने पर निर्णय अंतिम होता है और उसके खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती। इससे पक्षकारों का समय, धन और ऊर्जा तीनों की बचत होती है, साथ ही विवाद सौहार्दपूर्ण तरीके से समाप्त होने से आपसी संबंध भी मधुर बने रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्याय दिवसों पर भी आम जनता को दीवानी और आपराधिक प्रकृति के मामलों में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है। जरूरतमंद, महिलाएं, वृद्धजन और दिव्यांग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। प्राधिकरण ने विश्वास व्यक्त किया कि लोक अदालत के आयोजन से जनपद में न्यायिक कार्यों में गति आएगी और जनता को समयबद्ध न्याय दिलाने का लक्ष्य और मजबूत होगा। जिला जज मनोज कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे लोक अदालत में पहुंचकर अपने मामलों का निस्तारण कराएं।
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