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प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई के लिये निदेशक को भेजेंगे रिपोर्ट:लखनऊ के सैरपुर इंटर कॉलेज में स्टूडेंट्स के प्रदर्शन पर एक्शन, विभागीय कार्रवाई की तैयारी

लखनऊ में बीकेटी के सैरपुर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज की प्रभारी प्रधानाचार्या के छात्र को पीटने की बात जांच में सही मिली है। जांच अधिकारियों को छात्र के चेहरे व उंगली पर चोट के निशान मिले हैं। अधिकारियों ने रिपोर्ट में बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाने, वॉशरूम के इस्तेमाल के बदले पांच रुपए शुल्क लेने का जिक्र किया है। जांच कमेटी ने मंगलवार को प्रकरण की जांच रिपोर्ट डीआईओएस को सौंप दी है। अब डीआईओएस रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाचार्या के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति के लिये माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे। मंगलवार को प्रधानाचार्या स्कूल नहीं आयी। रोज की तरह स्कूल आए बच्चों को शिक्षकों ने पढ़ाया। सोमवार को स्टूडेंट्स ने किया था प्रदर्शन राजकीय इंटर कॉलेज में सोमवार की सुबह परिसर में तय स्थल के इतर साइकिल खड़ी करने पर प्रभारी प्रधानाचार्या के कुछ छात्रों के पीटे जाने से भड़क गए। नाराज छात्र कक्षाओं करीब छह घंटे तक प्रदर्शन किया था। पुलिस के अलावा क्षेत्रीय विधायक योगेश शुक्ला ने स्कूल पहुंचकर बच्चों को शांत कराया था। विधायक ने डीआईओएस से बात कर पूरे मामले की जानकारी दी और प्रधानाचार्या के खिलाफ कार्रवाई के लिये कहा। बच्चे के चेहरे व उंगलियों पर मिले चोट के निशान डीआईओएस राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिये सह जिला विद्यालय निरीक्षक (आंग्ल) मनीषा द्विवेदी और जिला समन्वयक संतोष मिश्रा को नामित किया था। दोनों अधिकारियों ने सोमवार को स्कूल पहुंचकर बच्चों के अलावा प्रधानाचार्या और शिक्षकों के बयान लिये। प्रधानाचार्या के ने जिस छात्र को पीटा था। उस छात्र चेहरे व उंगलियों पर निशान मिले। कमेटी ने रिपोर्ट में छात्र को पीटने, बाथरूम का पांच रुपये शुल्क लेने के अलावा स्कूल में झाड़ू लगवाने दूसरे काम का जिक्र किया है। छात्राओं ने बताया कि लड़कियों के लिए बने वॉशरूम में ताला लगा दिया जाता है। उन्हें लड़कों के वॉशरूम में जाना पड़ता है। वाशरूम का प्रति छात्र पांच रुपये शुल्क लिया जाता है। शिक्षक भी प्रधानाचार्या से परेशान जीआईसी सैरपुर में 216 छात्र और छात्राएं पंजीकृत हैं। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिये पांच स्थायी शिक्षक, दो कांटेक्ट व दो एनजीओ के तहत तैनात हैं। प्रधानाचार्या के खौफ से बच्चे ही नहीं शिक्षक भी परेशान हैं। शिक्षकों का कहना है कि एक वर्ष पहले स्कूल में स्थायी प्रधानाचार्या के न होने पर वरिष्ठ शिक्षिका शीला चौहान ने प्रभारी प्रधानाचार्या का कार्यभार संभाला था। अफसरों के निर्देश पर होगी कार्रवाई लखनऊ डीआईओएस राकेश कुमार ने कहा कि कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट मंगलवार को सौंप दी है। ये रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजी जाएगी। वहां से जो भी कार्रवाई के निर्देश मिलेंगे। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


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