बिजनौर शहर कोतवाली क्षेत्र से 15 नवंबर को लापता हुई दो छात्राएं 23 दिन बाद पंजाब के लुधियाना से बरामद कर ली गई हैं। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मंगलवार को दोनों छात्राओं को बिजनौर लाकर वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। छात्राओं के मिलने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है। लापता हुई छात्राएं एक इंटर कॉलेज में नौवीं और इंटरमीडिएट में पढ़ रही थीं। 15 नवंबर को वे सुबह स्कूल के लिए घर से निकलीं, लेकिन स्कूल न पहुंचकर लापता हो गईं। मामले की जानकारी मिलते ही परिवार ने गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बाद कई दिनों तक कोतवाली में धरना-प्रदर्शन हुए और मामला सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में रहा। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी अभिषेक झा ने सहारनपुर से बांद्रा तक 67 रेलवे स्टेशनों पर दो-दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की। लगातार सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने छात्राओं को लुधियाना से खोज निकाला। एसपी के अनुसार बुधवार को दोनों के बयान न्यायालय में दर्ज कराए जाएंगे। एसपी ने बताया कि नौवीं की छात्रा पर घर में रोक-टोक ज्यादा थी, जबकि इंटर की छात्रा पर परिवार शादी का दबाव बना रहा था। इसी वजह से दोनों स्वतंत्र जीवन जीने के लिए घर से निकल गईं। पुलिस के अनुसार छात्राएं बिजनौर से बस द्वारा सहारनपुर पहुंचीं। वहां टपरी रेलवे स्टेशन से दोनों बांद्रा जाने वाली ट्रेन में सवार हो गईं। सूरत में उतरकर उन्हें माहौल सुरक्षित नहीं लगा और वे दोबारा ट्रेन से रतलाम पहुंचीं। रतलाम में पैसे खत्म होने पर इंटर की छात्रा ने अपने टॉप्स साढ़े सात हजार रुपये में बेच दिए। इसके बाद दोनों ट्रेन से लुधियाना पहुंच गईं। घर से निकलते समय दोनों के पास मात्र दो हजार रुपये ही थे। सूत्रों के अनुसार दोनों छात्राएं 20 नवंबर से लुधियाना में ही थीं। उन्होंने वहां किराए पर कमरा लेकर 10 हजार रुपये महीने की नौकरी भी पकड़ ली थी। बताया जा रहा है कि स्वतंत्र जीवन जीने की चाह में उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया था। इस दौरान पुलिस की स्वाट, सर्विलांस और कोतवाली पुलिस की करीब 30 टीमें तथा 100 से अधिक पुलिसकर्मी लगातार तलाश में जुटे रहे। भारी संख्या में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसके बाद पुलिस को सफलता मिली।
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