बलिया में भाजपा जिला उपाध्यक्ष शुभ नारायण उर्फ सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में निषाद, केवट और मल्लाह समाज के लोगों ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने गंगा नदी में मत्स्य नीलामी रद्द करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वे सभी निषाद, केवट और मल्लाह जाति से संबंधित हैं, जो मुख्य रूप से गंगा नदी के किनारे निवास करते हैं। उनके अनुसार, गंगा नदी न केवल एक वैदिक और आस्था का प्रतीक है, बल्कि उनके लिए मत्स्य आखेट का एक प्रमुख जीविका का साधन भी है। उन्होंने कहा कि अनादि काल से उनके पूर्वज और परिवार के सदस्य गंगा नदी में नौका संचालन और मछली पकड़ने का काम करते आ रहे हैं, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण होता है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 09 सितंबर और 09 अक्टूबर को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद, गंगा नदी की नीलामी समिति के माध्यम से कुछ मत्स्य माफियाओं को दे दी गई है। समाज के लोगों का कहना है कि नीलामी के बाद से उन्हें गंगा नदी के किनारे मत्स्य माफियाओं द्वारा परेशान किया जा रहा है। वे मारपीट करते हैं और उनके जाल छीन लेते हैं, जिससे उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लाखों लोगों की जीविका और जीवन की रक्षा के लिए, गलत तरीके से हुई इस नीलामी प्रक्रिया को तुरंत निरस्त किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो निषाद, केवट और मल्लाह समाज के लोग अपने परिवारों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।
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