अम्बेडकरनगर में सोमवार शाम 7 बजे रिजर्व पुलिस लाइन का सभागार जैसे किसी महत्वपूर्ण फैसले का इंतजार कर रहा था। कुर्सियाँ भरी थीं, अधिकारी अपनी फाइलें सँभाले बैठे थे और माहौल पूरी तरह अनुशासित। इसी दौरान पुलिस अधीक्षक अभिजित आर. शंकर के प्रवेश करते ही कमरा एकदम सतर्क मुद्रा में आ गया। बैठक शुरू होते ही लगा कि आज की समीक्षा सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि आने वाले दिनों की पुलिस रणनीति का आधार बनने वाली है। बैठक साढ़े तीन घन्टे चली। शाम सात बजे से शुरु हुई तो रात साढ़े 10 बजे खत्म हुई। एसपी ने शुरुआत में ही साफ कहा कानून-व्यवस्था बहाना नहीं, प्रतिबद्धता है और इसे हर परिस्थिति में बनाए रखना ही हमारी असली जिम्मेदारी है। उनका यह वाक्य सुनते ही पूरा सभागार और केंद्रित हो गया। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी हरेन्द्र कुमार, पूर्वी श्याम देव, सभी क्षेत्राधिकारी, थाना व शाखा प्रभारी पहले से मौजूद थे। एसपी ने कहाकि हर संवेदनशील चौराहा, मुख्य मार्ग और भीड़ वाले स्थान CCTV की निगरानी में होने चाहिए। सोशल मीडिया को लेकर उनका रुख सख्त था। एक गलत पोस्ट, एक झूठी अफवाह और पूरा माहौल बिगड़ सकता है। इसलिए मॉनिटरिंग में जरा भी ढिलाई न हो। उन्होंने समुदाय के बीच संवाद बढ़ाने पर जोर देते हुए कहाकि पुलिस और जनता के बीच तालमेल मजबूत होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों व सामाजिक नेताओं से नियमित मुलाकातें हों, ताकि शांति और सद्भाव का संदेश हर मोहल्ले तक पहुँच सके। इसके बाद एसपी ने अपराध समीक्षा की फाइलें खुलवाईं। लंबित विवेचनाओं, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और निरोधात्मक कार्यवाही पर विस्तृत चर्चा हुई। उनकी आवाज़ में दृढ़ता साफ झलक रही थी। हर लंबित केस का समयबद्ध निस्तारण होगा। वांछित और फरार अपराधी चाहे जंहा हों, उन्हें पकड़ा ही जाएगा। जघन्य अपराधों पर बात करते हुए उनका स्वर और कठोर हो गया हत्या, लूट जैसे मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महिला अपराधों पर उन्होंने अत्यधिक संवेदनशीलता और तुरंत प्रभावी कार्रवाई को अनिवार्य बताया। पुलिस अधिकारी जब सभागार से बाहर निकले, तो उनके कदमों में जिम्मेदारी और चेहरे पर दृढ़ संकल्प साफ दिखाई दे रहा था।
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