नवंबर महीने की जनसुनवाई रैंकिंग में बरेली ने एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए प्रदेश में चौथी रैंक हासिल की है। अक्टूबर में जिले को 5वीं रैंक मिली थी। लगातार दो माह में हुआ ये सुधार डीएम अविनाश सिंह की बेहतर मॉनिटरिंग और शिकायतों के समय पर निस्तारण का परिणाम बताया जा रहा है। बहेड़ी तहसील नंबर-1 पर पहुंची
तहसीलवार रैंकिंग में बहेड़ी ने इस बार कमाल कर दिया। प्रदेश की सभी तहसीलों में बहेड़ी ने पहली रैंक हासिल कर अपना दबदबा दिखाया। लगातार शिकायतों के समय पर समाधान और फील्ड में एक्टिव टीम को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। नवाबगंज और सदर की औसत परफॉर्मेंस
नवाबगंज और सदर तहसील प्रदेश रैंकिंग में पीछे रह गईं। दोनों को 42वीं रैंक मिली। स्थानीय स्तर पर शिकायतों के बढ़ते आंकड़े और कुछ मामलों में देरी इसके कारण बताए जा रहे हैं। आंवला और मीरगंज नीचे खिसके
आंवला तहसील को 74वीं, जबकि मीरगंज को 89वीं रैंक मिली। दोनों जगह शिकायतों के समय पर निस्तारण में गति की कमी देखने को मिली है। फरीदपुर सबसे नीचे, 176वीं रैंक
फरीदपुर तहसील का प्रदर्शन इस बार कमजोर रहा। रैंकिंग में फरीदपुर 176वें स्थान पर रहा, जो कि जिले की सबसे कम रैंक है। प्रशासन की मेहनत दिखने लगी
नवंबर का यह प्रदर्शन बताता है कि जनपद प्रशासन लगातार जनसुनवाई प्रणाली को मजबूत करने में जुटा है। जिलाधिकारी कार्यालय की सख्त मॉनिटरिंग, तहसीलों की परफॉर्मेंस समीक्षा और फील्ड टीमों की जवाबदेही तय किए जाने से शिकायतों के समाधान की रफ्तार बढ़ी है। हालांकि अभी इसमें बहुत ज्यादा सुधार की जरूरत है।
https://ift.tt/go5hHTD
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply