औरंगाबाद के स्पेशल पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश लक्ष्मी कांत मिश्रा ने देव थाना कांड संख्या 39/2020 (जीआर–55/2021) में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त देव थाना क्षेत्र के विष्णुबांध एलोरा गांव निवासी अर्जुन भुईयां, श्रवण कुमार, विकास भुईयां, सोनू कुमार और गोपाल भुईयां विष्णु बांध एलोरा देव को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/149 में आजीवन कारावास, 50-50 हजार रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही धारा 148 के तहत तीन वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इससे पहले 3 दिसंबर को अदालत ने इन 5 अभियुक्तों को IPC की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया था और उनका बंधपत्र निरस्त कर जेल भेज दिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों की गवाही कराई गई थी। सभी 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई वकील सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले की प्राथमिकी 15 मई 2020 को दर्ज की गई थी। इसमें सूचक ने बयान दिया था कि 13 मई 2020 की शाम लगभग 5 बजे कुछ नाबालिग बच्चे जलावन चुनने जंगल गए थे। इसी दौरान अभियुक्तों ने बच्चों के साथ छेड़छाड़ और अशोभनीय हरकतें कीं। बच्चों की ओर से इसकी जानकारी परिजनों को देने पर परिजनों ने विरोध जताया। आरोप था कि इसी रंजिश में उसी रात अभियुक्तों ने पीड़िता के परिजनों पर घातक हथियार से हमला कर दिया, जिसमें तीन परिजनों की मौत हो गई तथा कई लोग घायल हुए थे। मामले में 8 अक्टूबर 2021 को आरोप गठन किया गया था। लंबे न्यायिक प्रक्रिया के बाद अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पांचों को उम्रकैद की सजा सुना दी। पोक्सो कोर्ट ने अभियुक्त को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद स्थित पोक्सो कोर्ट ने पोक्सो केस संख्या 56/2024 (टंडवा थाना कांड संख्या 44/2022) में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त राकेश कुमार (परसिया, रामपुर टंडवा) को कठोर दंड सुनाया है। स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि कोर्ट ने अभियुक्त को धारा 376(2) व पोक्सो एक्ट की धारा 06 में 20 वर्ष सश्रम कारावास और 30,000 रुपए जुर्माना, जबकि धारा 366 में 10 वर्ष कारावास व 20,000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पीड़िता को एक लाख रुपए प्रतिकर दिलाने में सहयोग करने का निर्देश दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 7 गवाहों की गवाही कराई गई थी। निर्णय से पूर्व अभियुक्त लगभग 7 माह जेल में रह चुका है। वकील सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नाबालिग पीड़िता ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि उसका अभियुक्त के साथ तीन साल से प्रेम संबंध था। 03 जनवरी 2024 को अभियुक्त उसे बहला-फुसलाकर पंजाब ले गया, शादी की और दो महीने तक पति-पत्नी की तरह रखा। बाद में लुधियाना में छोड़कर फरार हो गया। पीड़िता की ओर से संपर्क करने पर उसने रखने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई और शादी के फोटो व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए। अभियुक्त को 02 दिसंबर 2025 को दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
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