उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता का दूसरा चरण संत गाडगे जी ऑडिटोरियम में शुरू हो गया है। 8 से 11 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के पहले दिन बाल वर्ग के ख्याल, तराना, ध्रुपद, धमार, ठुमरी और दादरा श्रेणियों में प्रतिस्पर्धाएं हुईं। मंगलवार को किशोर वर्ग के मुकाबले होंगे। बाल वर्ग के ख्याल श्रेणी में लखनऊ के अर्थव मिश्र ने राग नट भैरव में अपनी प्रस्तुति से प्रथम स्थान प्राप्त किया। आगरा की नैन्सी दीप ने राग दुर्गा में ‘जय जय जय दुर्गे माता भवानी’ सुनाकर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि झांसी की आनन्दमयी शर्मा ने राग हमीर में ‘छैल छबीला’ गाकर तीसरा स्थान पाया। 23 केंद्रों से 1100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तराना वर्ग में गाजियाबाद की शौर्याश्री ने राग पीलू में ‘पिया बिन जिया मोरा’ सुनाकर निर्णायकों को प्रभावित किया और पहला स्थान जीता। विन्ध्याचल की ऋत्विका सिंह ‘छैला रंग डारी गयो’ के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। ध्रुपद-धमार वर्ग में अयोध्या के अक्षत सिंह की दमदार आवाज़ ने उन्हें प्रथम स्थान दिलाया, वहीं अतर्रा की आन्या सिंह उपविजेता रहीं। इस वर्ष प्रतियोगिता में 18 संभागों के 23 केंद्रों से लगभग 1100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। अकादमी के स्वर्ण जयंती वर्ष में सुगम संगीत, ग़ज़ल और भजन को भी शामिल किया गया था। बढ़ते उत्साह को देखते हुए इस साल लखीमपुर और फर्रुखाबाद को दो नए केंद्र के रूप में जोड़ा गया है। लय-संगति को साधने की सलाह प्रतियोगिता में अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल में खंडवा के रोमिल जैन, ग्रेटर नोएडा की नबनिता चौधरी और दिल्ली के पंडित राधा गोविंद दास शामिल थे। उन्होंने बच्चों के हुनर की सराहना करते हुए तानपुरा, माइक और लय-संगति को साधने की सलाह दी। प्रतियोगिता की शुरुआत कानपुर की दैव्या गुप्ता द्वारा राग पूरिया धनाश्री के ख्याल ‘पियरवा मोसे करत है रार’ से हुई। प्रयागराज की हर्षिता, मुरादाबाद की आस्था, मिर्जापुर की ख्याति, वाराणसी की सारंग मिश्रा, गोरखपुर के कौस्तुभ, मेरठ के पार्थ, मऊ की आंचल और बांदा की खुशबू सहित अन्य प्रतिभागियों ने भी अपनी मजबूत दावेदारी पेश की।
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