सहारनपुर में चल रहे छह दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को प्रभु जन्म कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर काशी नगरी से एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिस पर हेलिकॉप्टर से रत्न वर्षा की गई और शहर में उत्सव का माहौल छा गया। परम पूज्य मुनिवर प्रणम्य सागर महाराज ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए तीर्थंकर जन्म की महानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर शिशु के जन्म लेते ही स्वर्ग से नरक लोक तक प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। उन्होंने बताया कि सौधर्म इंद्र अवधि ज्ञान से जन्म की सूचना पाकर अपनी इंद्राणी शची और देवगणों के साथ जन्माभिषेक के लिए सुमेरु पर्वत पर उतरते हैं। स्वर्णमयी पाण्डुकशिला पर क्षीरसागर के जल से होने वाला यह जन्माभिषेक तीनों लोकों को आनंदित करता है। महाराज ने सहारनपुर की धार्मिकता, विनयशीलता और भक्ति की सराहना करते हुए कहा कि यह भूमि प्राचीन काल से ही विद्वानों और धर्मनिष्ठ जनों की रही है। यहाँ की जनता का उत्साह और भक्ति प्रेरणादायक है। कार्यक्रम में नगर विधायक राजीव गुंबर ने जैन समाज को अहिंसा और करुणा का जीवंत प्रतीक बताया। एसपी देहात सागर जैन ने कहा कि अपने सेवाकाल में यह दूसरा पंचकल्याणक है, जिसमें शामिल होकर वे स्वयं को धन्य मानते हैं। सीडीओ सुमित महाजन ने कहा कि विश्व शांति का मार्ग भगवान महावीर की सत्य, अहिंसा और करुणा की शिक्षाओं से ही निकलता है। काशी नगरी से निकली शोभायात्रा में 30 बग्गियां, 7 बैंड, 3 हाथी और 5 परिरथ शामिल रहे। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई आशा मॉडर्न स्कूल पहुँची, जहाँ सौधर्म इंद्र द्वारा जन्माभिषेक संपन्न हुआ। शोभायात्रा के दौरान हुई रत्न वर्षा ने पूरे माहौल को दिव्य बना दिया। कार्यक्रम की सफलता में राजेश जैन, राकेश जैन, भव्य जैन सहित जैन समाज और पंचान समिति के सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा। नगरभर में प्रभु जन्म की जयध्वनि गूंजती रही और सहारनपुर दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर दिखाई दिया।
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