पीलीभीत जिला पंचायत में लगभग 25 करोड़ रुपए के टेंडर खोलने में कथित अनियमितता का मामला सामने आया है। अवकाश पर गए इंजीनियर के डोंगल का इस्तेमाल कर टेंडर खोले जाने की शिकायत के बाद भी एएमए धर्मेंद्र कुमार पर जांच में खानापूर्ति करने और मामले को दबाने का आरोप लगा है। इस मामले में 40 से अधिक ठेकेदारों ने नियमों की अनदेखी की शिकायत दर्ज कराई है। ठेकेदारों का आरोप है कि करीबी ठेकेदारों को करोड़ों के टेंडर दिलाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। एक प्रमुख शिकायत यह भी है कि तकनीकी और वित्तीय निविदाएं एक ही दिन खोली गईं, जबकि सामान्य प्रक्रिया में इनके बीच 24 से 48 घंटे का अंतर होना चाहिए। ठेकेदारों ने प्रदेश के गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार से मुलाकात कर अनियमितता का मुद्दा उठाया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसी दौरान, शिकायतकर्ता ठेकेदारों की अपर मुख्य अधिकारी धर्मेंद्र कुमार से तीखी बहस भी हुई। ठेकेदारों का आरोप है कि एएमए सात दिन बाद भी गोलमोल रिपोर्ट देकर मामले को टालने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को ठेकेदारों ने एक बार फिर डीएम ज्ञानेंद्र सिंह से मुलाकात की और अपर मुख्य अधिकारी के रवैये के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीएम ने सीडीओ को जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए हैं। अब सभी की निगाहें सीडीओ की अध्यक्षता वाली जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं।
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