अंबेडकरनगर में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने जिले की सभी गौशालाओं को ठंड से बचाने के लिए तिरपाल से ढकने के निर्देश दिए हैं। यह कदम गौशालाओं में रहने वाले पशुओं को शीतलहर से बचाने के लिए उठाया गया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 38 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें 4985 गोवंश संरक्षित हैं। वर्तमान में, ठंड को देखते हुए सभी गोवंश आश्रय स्थलों में शेडों को तिरपाल से ढका गया है। इसके अतिरिक्त, समस्त गौशाला संचालकों, पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधानों को अलाव जलाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, रात में शेड के अंदर पराली को बिछावन के रूप में उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है ताकि पशुओं को ठंड से बचाया जा सके। जिले में दो वृहद गो संरक्षण केंद्र भी निर्माणाधीन हैं। इनमें ग्राम सस्पना (विकास खंड-अकबरपुर नगर पंचायत राजेसुल्तानपुर) और ग्राम रामकोला (विकास खंड-रामनगर) शामिल हैं। इन केंद्रों को जल्द ही पूरा कर संचालित किया जाएगा। जनपद स्तरीय गौशाला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में, सड़कों और गांवों में घूम रहे आवारा गोवंश को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को समस्त विकास खंडों और नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में संयुक्त टीमें अंजाम दे रही हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने ग्रामीणों और किसानों से अनुरोध किया है कि वे आवारा गोवंश को पकड़वाने और संरक्षित कराने में पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा और सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी। डॉ. सिंह ने यह भी अपील की कि यदि किसी को कहीं पर निराश्रित या छुट्टा गोवंश दिखाई दे तो तुरंत संबंधित खंड विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव को सूचित करें।
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