देवरिया के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में पूर्व विधायक सुरेश तिवारी का नाम छेड़खानी और मारपीट के एक मामले से 24 घंटे के भीतर हटा दिया गया है। इस कार्रवाई पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने दो दिन पहले एक महिला की शिकायत पर पूर्व विधायक समेत छह लोगों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया था। यह मामला गांव में नाली विवाद से जुड़ा है, जो दो पक्षों के बीच लंबे समय से चल रहा है। हाल ही में इसी विवाद को लेकर मारपीट हुई थी, जिसमें दूसरे पक्ष ने महिला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज और छेड़खानी की गई। उसने यह भी दावा किया कि हमलावरों ने जबरन घर में घुसकर उसके छोटे बच्चे का गला दबाने की कोशिश की, और यह सब कथित तौर पर पूर्व विधायक के इशारे पर हुआ। महिला का आरोप है कि पुलिस उसकी शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी। इसके बाद उसने कोतवाली परिसर में एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया, जिसमें पूर्व विधायक पर मुकदमा दर्ज न होने देने का आरोप लगाया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस ने पूर्व विधायक सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, 24 घंटे के भीतर ही विवेचना में पूर्व विधायक का नाम हटा दिया गया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे एसआई ने गांव जाकर पड़ताल की है। वहीं, रविवार को गांव के कुछ लोगों ने रुद्रपुर कोतवाली पहुंचकर पूर्व विधायक को फंसाने की बात कही थी। इस त्वरित कार्रवाई पर लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया है और निष्पक्ष जांच पर सवाल उठाए हैं। प्रभारी निरीक्षक कल्याण सिंह सागर ने बताया कि यह मामला आपसी नाली विवाद का था। जांच में कुछ आरोप साबित न होने पर पूर्व विधायक का नाम बाहर कर दिया गया है। दूसरी ओर, महिला अभी भी अपने आरोपों पर कायम है और न्याय की मांग कर रही है।
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