न्यू नोएडा के लिए 80 गांव की जमीन अधिग्रहीत की जानी है। किसानों को किस दर से मुआवजा दिया जाए इस पर जल्द निर्णय होगा। प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जरिए बसाए जाने वाले फेज टू की मुआवजा दरों को नए नोएडा में लागू किया जा सकता है। इसका एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। जल्द ही इसको लेकर एक बैठक नोएडा प्राधिकरण में होगी। बैठक में प्राधिकरण के सीईओ , डीएम बुलंदशहर शामिल होंगे। बुलंदशहर और दादरी के 80 गांवों की जमीन पर दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (न्यू नोएडा) बसाया जाना है। किसानों से आपसी समझौते के आधार पर जमीन लेने पर दरें क्या रखी जाएं इसको लेकर कुछ दिन पहले नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की बैठक हुई थी। इस बैठक में अधिकारियों ने यह तय किया था एक ग्रेटरनोएडा के फेज-2 को बसाने में जो मुआवजा दर होगी उसे ही यहां लागू किया जाए। हालांकि प्रस्ताव पर शासन मुहर लगाएगा। डीएनजीआईआर शहर करीब 209.11 वर्गकिमी में बसाया जाना है। इसके लिए अक्टूबर 2024 में अधिसूचना जारी की गई थी। प्राधिकरण ने बताया कि नोडल अधिकारी की नियुक्ति के साथ यहां जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द की जाएगी। अवैध निर्माण को रोकने के लिए ड्रोन सर्वे और अधिसूचना की तरीख का सेटेलाइट मैप भी लिया जाएगा। उस दिन के बाद यहां जितना भी निर्माण किया गया है या जा रहा है उसे अवैध माना जाएगा। 80 गांवों की जमीन ली जाएगी
डीएनजीआईआर 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। इसके मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है। इससे पहले यहां जमीन अधिग्रहण और मुआवजा के लिए रेट तय किए जाएंगे। आपसी सहमति से ली जाएगी जमीन
प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि न्यू नोएडा के लिए जमीन का अधिग्रहण किसानों से आपसी सहमति के आधार किया जाएगा। यहां मुआवजा रेट क्या होगा इस पर विस्तार से चर्चा की गई। हालांकि अभी कोई निर्णायक फैसला नहीं हुआ है। सबसे पहले 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जबकि न्यू नोएडा को 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। प्रत्येक गांव में करीब 200 किसान परिवार है। यानी कुल 16 हजार किसान परिवार है। जिनके साथ बैठक की जाएगी। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। लगाए जाएंगे चेतावनी बोर्ड
यहां जमीन अधिग्रहण के साथ ही चेतावनी बोर्ड लगाने का काम शुरू होगा। साथ ही सेटेलाइट के मैप के आधार पर जिन लोगों ने अधिसूचना जारी होने के बाद निर्माण किया उसे अवैध मानते हुए वहां भी बोर्ड लगाए जाएंगे। इस शहर का मास्टर प्लान के अनुसार क्या किया गया ब्रेकअप
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