भास्कर न्यूज | किशनगंज नवजातों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर कार्यक्रम मंे पिछले एक वर्ष में और अधिक तेजी लाई गई है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चे की सेहत की जानकारी जुटा रही है। साथ ही परिजनों को भी उचित सलाह दे रही हैं। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि नवजात शिशु के जन्म से लेकर 42वें दिन तक नियमित अंतराल पर छह विज़िट अवश्य हों। इन विज़िटों में नवजात की सांस लेने की गति, दूध पीने की क्षमता, शरीर का तापमान, वजन, साफ-सफाई और संक्रमण के जोखिम की जाँच की जाती है। आशा कार्यकर्ता माताओं को शुरुआती छह माह तक केवल स्तनपान, नवजात की गर्माहट बनाए रखने और हाथ धोने जैसी महत्वपूर्ण बातें समझा रही हैं। यह बदलाव जमीनी स्तर पर बड़ा असर डाल रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में अब अधिक माताएँ आशा कार्यकर्ताओं के सुझावों का पालन कर रही हैं। एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ता मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्ड के माध्यम से बच्चे की वृद्धि को ध्यानपूर्वक मॉनिटर कर रही हैं।कम वजन में जन्मे शिशुओं के लिए यह प्रक्रिया और खास हो जाती है।क्योंकि उन्हें संक्रमण और कमजोरी का खतरा अधिक होता है। डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि एमसीपी कार्ड सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि नवजात की वृद्धि और स्वास्थ्य का पूरा इतिहास है। इससे हमें पता चलता है कि बच्चे का वजन उम्र के अनुसार बढ़ रहा है या नहीं। टीकाकरण पूरा हुआ या नहीं और क्या किसी संकेत पर तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी द्वारा तैयार किए जाने वाले वृद्धि एवं विकास चार्ट में बच्चे की लंबाई और वजन का नियमित अंकन किया जाता है। आशा कार्यकर्ता इन आँकड़ों को देखकर तय करती हैं कि बच्चे पर अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है या नहीं। इसके लिए आशा जागरुक करेंगी।
https://ift.tt/qcp04TI
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply