अयोध्या के अमानीगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत बकचुना के ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग (PWD) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कुमारगंज से कामाख्या धाम तक बनने वाली 48.64 करोड़ रुपये की सड़क को एक जनप्रतिनिधि के निजी स्वार्थ के कारण मूल प्रस्तावित मार्ग से हटाकर दूसरी तरफ मोड़ दिया गया है। रविवार को बकचुना के पवन कुमार शुक्ला ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम मिल्कीपुर को सौंपा। शिकायत में कहा गया कि कामाख्या धाम जाने वाला यह मार्ग बकचुना गांव के बीच से होकर गुजरना था। गांव के अंदर लगभग 400 मीटर सीसी रोड बनाने के लिए धनराशि भी जारी कर दी गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने एक जनप्रतिनिधि के निजी हितों को देखते हुए सड़क की दिशा बदल दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षों से इस तरह की उपेक्षा झेल रहे हैं। गांव के दोनों ओर सड़क निर्माण के लिए की गई पुरानी खुदाई के निशान आज भी दिखाई देते हैं। पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि जिस नए रास्ते से सड़क ले जाने की बात हो रही है, उस पर भी उनकी ही जमीन पड़ती है और पुराने प्रस्तावित मार्ग पर भी उनकी भूमि आती है। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि सड़क पुराने मार्ग से ही निकाली जाए, क्योंकि इसी मार्ग पर पहले से निर्माण की स्वीकृति भी दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव के बीच से डंपर चलने के कारण रास्ता टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गया है, लेकिन कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुमारगंज–कामाख्या धाम–मेधाऋषि आश्रम मार्ग का चौड़ीकरण और सुदृढीकरण कराने हेतु 48.64 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। 28.6 किलोमीटर लंबा यह मार्ग कुमारगंज के माता उसरहन भवानी स्थान से शुरू होकर महर्षि बामदेव स्थल, रायपुर, रौतावां गांव होते हुए संत भीखादास मंदिर तक जाता है और रुदौली विधानसभा क्षेत्र के सिद्ध पीठ मां कामाख्या देवी तक पहुंचता है। ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासनिक स्तर पर जांच की मांग उठी है।
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