गोरखपुर सीआईडी में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सरोज यादव की हत्या के मामले में फरार सिपाही पति अष्टभुज कुमार यादव ने शनिवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वह वारदात के बाद करीब 3 महीने से फरार था। शाहपुर पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही थी। पुलिस के मुताबिक, 27 फरवरी 2025 की रात सरोज की मौत को पहले सामान्य बताया गया था। पोस्टमार्टम में स्पष्ट वजह नहीं मिलने पर विसरा जांच के लिए भेजा गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट में एल्युमीनियम फास्फाइड जहर की पुष्टि हुई। जिसके बाद मामला हत्या में तब्दील हो गया। सितंबर में शाहपुर पुलिस ने सरोज के पिता हरीलाल यादव की तहरीर पर अष्टभुज, उसकी मां और पिता पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की थी। सरोज के पिता हरीलाल यादव ने आरोप लगाया था कि दामाद अष्टभुज का एक महिला कांस्टेबल से अवैध संबंध चल रहा था। इसे जारी रखने और आर्थिक लाभ के लिए उसने अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रची। आरोप यह भी है कि बेटी की मौत के बाद अष्टभुज ने सरोज के नाम पर ली गई इंश्योरेंस की रकम भी हड़प ली। शाहपुर थाना प्रभारी नीरज राय ने बताया कि अष्टभुज कुमार यादव ने कोर्ट में सरेंडर किया है। पुलिस जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। अब विस्तार से जाने पूरा मामला शाहपुर थाना क्षेत्र के हरीलाल यादव सरकारी विभाग से रिटायर हो चुके हैं। हरीलाल यादव ने बताया- मेरी बेटी सरोज यादव की शादी 11 दिसंबर 2013 को क्षेत्र के ही पादरी बाजार श्याम विहार कालोनी निवासी अष्टभुज कुमार यादव से हुई थी। दामाद अष्टमभुज कुशीनगर जिले के अहिरौली बाजार थाना के मगडीहा के मूल निवासी हैं। बेटी की धूमधाम से शादी की थी। लखनऊ में अधिकारी का गनर है अष्टभुज दामाद अष्टभुज कुमार यादव यूपी पुलिस में चीफ कांस्टेबल पद पर नौकरी करता है। वह लखनऊ में किसी अधिकारी का गनर है। मेरी बेटी सरोज पुलिस विभाग के सीआईडी खंड गोरखपुर में चीफ कांस्टेबल पद पर नौकरी करती थी। शादी के बाद 2 बच्चे हुए। इस समय अनमाेल यादव 9 और अक्षरा यादव 6 साल की है। शादी के बाद दामाद ने मेरी बेटी सरोज का 50 लाख रुपये का एचडीएफसी बैंक से टर्म लाइफ इंश्याेरेंस कराया था। उसके नाम संयुक्त लोन 41 लाख और अन्य बैंक से 20 लाख रुपये का लिया था। शादी के बाद अष्टभुज की पोस्टिंग संतकबीरनगर के खलीलाबाद हुई थी। वहां पहले से तैनात महिला कांस्टेबल से अष्टभुज का संबंध बन गया। इसका विरोध करने पर दामाद मेरी बेटी को मारने पीटने लगा। मेरी बेटी ने मुझे बताया, लेकिन दोनों बच्चों की खातिर वह पति के साथ रही। 27 फरवरी 2025 की रात दिया जहर पिता ने बताया- 27 फरवरी 2025 की रात साजिश कर दामाद अपने पिता और मां के साथ मिलकर मेरी बेटी की जहर देकर हत्या कर दी। 28 फरवरी की रात 1:36 बजे कॉल कर हमलोगों को सूचना दी गई कि सरोज की तबीयत खराब है। हम लोगों से झूठ बोला गया। गुमराह करने की कोशिश की गई। विसरा रिपोर्ट में आया जहर बेटी की मौत के बाद हमलोगों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार था। लेकिन उसमे मौत की वजह साफ नहीं हो पाई। इसलिए विसरा सुरक्षित कर फारेंसिक लैब जांच के लिए भेजा गया। हम लोगों ने दौड़ धूप करके वहां जांच तेज कराई गई। अगस्त माह में फारेंसिक लैब से रिपोर्ट आई। जिसमे जहर (अल्युमिनियम फाॅस्फाइड) की पुष्टि हुई थी। तब हमलोगों को पता चला कि लाइफ टर्म प्लान, लोन, सरकारी कर्मचारी के मौत के बाद होने वाले आर्थिक लाभ और अफेयर के चक्कर में मेरी बेटी की जान ली गई।
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