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आगरा-मुंबई हाईवे पर तेज रफ्तार वाहन ने चीते को कुचला:कूनो के जंगल से निकलकर सड़क पर आए थे दो चीते; दूसरे की सर्चिंग जारी

आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे (शिवपुरी लिंक रोड) पर घाटीगांव सिमरिया मोड़ पर कूनो से भागे दो चीतों में से एक चीता की मौत हो गई है। जंगल से निकलकर जब सड़क पर चीता आया तो तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। दूसरे चीते की तलाश की जा रही है। घटना रविवार सुबह 5 से 6 बजे के बीच की है। सूचना मिलते ही घाटीगांव थाना पुलिस और वन विभाग के अफसरों ने घटनास्थल को निगरानी में ले लिया है। कूनो के अफसर भी स्पॉट पर पहुंच गए हैं। चीते के शव को कूनो पहुंचाया जा रहा है, जहां, एक्सपर्ट्स का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। सैटेलाइट कॉलर आईडी से लगातार चीतों पर नजर रखी जा रही थी। जैसे ही सड़क हादसा हुआ अफसरों को सूचना मिल गई है। घटनास्थल पर काफी भीड़ थी, लेकिन वन विभाग के अफसरों ने पुलिस तक को पास नहीं आने दिया। पूरी कार्रवाई वन विभाग के अफसर कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार मृत चीते का नाम KG-3 (मादा) है। इसका जन्म कूनो नेशनल पार्क में ही हुआ था। यह गामिनी का शावक बताया जा रहा है। चीता हाईवे किनारे गिरा, मौके पर दम तोड़ा
बता दें कि कूनो के जंगल से निकलकर दो चीता घाटीगांव के जंगल में पहुंच गए थे। यहां रविवार तड़के 5 बजे के लगभग वह घाटीगांव के जंगल से निकलकर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे पर सड़क क्रॉस कर दूसरी तरफ जा रहे थे कि तभी एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने एक चीता को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि चीता हाईवे किनारे गिरा और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद जब चीता पड़ा लोगों ने देखा तो पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। शनिवार शाम को गाय पर किया था हमला
बता दें कि कूनो से दो युवा चीते भागे थे। दोनों की लोकेशन घाटीगांव के सिमरिया मोड के आसपास आ रही थी। कूनो से वन विभाग की टीम लगातार उनका पीछा कर रही थी। शनिवार शाम को सिमरिया इलाके में एक गाय पर दोनों चीतों ने हमला किया था। जिसमें गाय की मौत हो गई थी। तभी से वन विभाग के अफसरों ने यहां अपना डेरा जमा लिया था। बता दें कि चीते राष्ट्रीय धरोहर हैंं। इन्हें अफ्रीकन देशों से भारत लाया गया था। भारत में विलुप्त हो चुके चीतों का वापस बसाने की ये बड़ी पहल थी। ऐसे में इन्हें विशेष निगरानी में रखा जाता है। यह कूनो के जंगल से बाहर निकलते हैं तो भी वन विभाग का अमला इनके पीछे रहता है। जानिए, अब तक कब-कैसे और कितने चीतों की मौत हो चुकी…? 26 मार्च 2023: साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत
नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। वन विभाग के मुताबिक, 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रिएटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई।
27 मार्च 2023: ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया
साशा की मौत के अगले ही दिन मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया। ज्वाला को नामीबिया से यहां लाया गया था। कूनो नेशनल पार्क में इन शावकों को मिलाकर चीतों की कुल संख्या 23 हो गई।
23 अप्रैल 2023: उदय की दिल के दौरे से मौत
साउथ अफ्रीका से लाए गए नर चीते उदय की मौत हुई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि उदय की मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने से हुई। मध्य प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि हृदय धमनी में रक्त संचार रुकने के कारण चीते की मौत हुई। यह भी एक तरह का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई।
9 मई 2023: दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरेक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई।
23 मई 2023: ज्वाला के एक शावक की मौत
ज्वाला के एक शावक की मौत हुई थी। जेएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इनकी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई।
25 मई 2023: ज्वाला के दो और शावकों की मौत
पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य शावकों को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और शावकों की मौत हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई थी। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित 18 चीते बचे।
11 जुलाई 2023: मेल चीता तेजस की मौत
चीता तेजस की गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया गया कि चीतों के आपसी संघर्ष में उसकी जान गई है। इस मौत के बाद कूनो में 17 चीते बचे थे।
14 जुलाई 2023: मेल चीता सूरज की मौत
चीते सूरज की गर्दन पर भी घाव मिला था। कूनो प्रबंधन का अनुमान है कि चीतों के आपसी संघर्ष में ही सूरज की भी जान गई है। इससे नेशनल पार्क में चीतों की संख्या घटकर 16 रह गई थी।
2 अगस्त 2023: मादा चीता धात्री की मौत
कूनो परिसर में ही मादा चीता धात्री का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम में इन्फेक्शन से मौत की वजह सामने आई थी। धात्री की मौत के बाद चीतों की संख्या 15 रह गई थी।
3 जनवरी 2024: आशा ने तीन शावक जन्मे
03 जनवरी 2024 को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी आई। मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया। कूनो में अब 4 शावक समेत कुल 18 चीते हो गए थे। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता आशा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नाम दिया था।
16 जनवरी 2024: नर चीते शौर्य की मौत
नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क लाए गए नर चीते शौर्य ने दम तोड़ा। तब यहां 4 शावक समेत 17 चीते बचे थे।
5 अगस्त 2024: गामिनी के एक और शावक की मौत
कूनो के वन अमले को गश्त के दौरान मादा चीता गामिनी का शावक घिसटते हुए दिखा। इसके बाद टीम ने उसे रेस्क्यू कर इलाज शुरू किया था। रीढ़ की हड्‌डी में फ्रैक्चर होने की वजह से शावक गंभीर रूप से घायल हो गया था। 7 दिन चले इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया।
27 अगस्त 2024: नर चीते पवन का शव नाले में मिला था
कूनो नेशनल पार्क में पवन नाम के चीता की मौत हो गई थी। नामीबिया से लाए गए इस चीता का शव झाड़ियों के बीच नाले में मिला था। चीते का सिर और आधा शरीर पानी में डूबा हुआ था।
28 नवंबर 2024: चीता निर्वा से जन्मे 2 शावकों की मौत
जन्म के पांच दिन बाद चीता निर्वा से जन्मे 2 शावकों की मौत हो गई थी। दोनों के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले थे।


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