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Delhi: दुकान में लगी आग में फंसे पति-पत्नी की दम घुटने से मौत

दिल्ली के टिकरी कलां में किराना की एक दुकान में आग लगने के बाद अंदर फंसे रह जाने से 31 वर्षीय व्यक्ति और उसकी पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान विनीत और उसकी पत्नी रेनू (29) के रूप में हुई है। दोनों

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले थे और उनके 10 और आठ साल के दो लड़के हैं। उन्होंने बताया कि दंपती किराने की दुकान चलाते थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात 8.17 बजे एक दुकान से धुआं और आग निकलने की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने पाया कि किराने की दुकान का शटर आंशिक रूप से नीचे गिरा हुआ था और अंदर घना धुआं भरा हुआ था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, दुकान के काउंटर के पास शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का संदेह है, जिससे दुकान के ऊपर और आसपास रखे प्लास्टिक के पैकेट जल गए।
अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आग फैली धुआं दुकान में भर गया और शटर में करंट आने से पति-पत्नी बाहर निकलने में नाकाम रहे।

उन्होंने बताया, “भागने की कोशिश में दंपती ने शटर को नीचे खींचने की कोशिश की, लेकिन वे अंदर ही फंस गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गयी।’’
पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के निवासी विनीत (31) और उसकी पत्नी रेणु (29) की अंततः मौत हो गई।

पुलिस टीम ने लकड़ी के लट्ठे की मदद से शटर को खोलकर दोनों को बाहर निकाला और उन्हें तुरंत बहादुरगढ़ के ऑस्कर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने बताया कि अपराध टीम और अग्निशमन दल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तथा मामले की जांच जारी है।
रेनू की बहन अलका ने पीटीआई- से कहा कि दुकान से धुआं निकलता देख सबसे पहले दंपती के बच्चे ही अपने चाचा को सूचित करने पहुंचे।
उन्होंने कहा, “बच्चों ने मेरे पति को फोन कर अपने माता-पिता को बचाने का निवेदन किया। वह तुरंत वहां पहुंचे।”

अलका के अनुसार, उनके पति ने बाहर से शटर खोलने की कोशिश की, “लेकिन जैसे ही उन्होंने शटर को छुआ, उन्हें पीछे की ओर धक्का लग गया। शटर में करंट था, जिसके बाद वह पास भी नहीं जा सके।”
उन्होंने कहा कि पूरा परिवार दुखी है और बच्चों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहा है, जो इस दृश्य को देखते हुए गहरे सदमे में हैं।

अलका ने कहा, “मेरी बहन और उसके पति ने रात-दिन मेहनत की ताकि उनके दो बच्चों का भविष्य बेहतर हो सके। वे शायद ही कभी छुट्टी लेते थे। उनका एकमात्र सपना था कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा सकें।”

अलका ने कहा कि परिवार अब बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है और यह हादसा क्यों हुआ, इसका जवाब चाहता है।
उन्होंने कहा, “हमें समझ नहीं आ रहा कि दोनों के अंदर होने के बावजूद शटर कैसे बंद हो गया। हमें कुछ गड़बड़ लगता है।


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