लखनऊ नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों से NRC के डॉक्यूमेंट मांगे तो 160 सफाईकर्मी नौकरी छोड़ कर लापता हो गए। नगर निगम इन कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इनकी रिपोर्ट शासन स्तर तक भेजी जाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को पता लगाने के निर्देश के बाद नगर निगम एक्टिव मोड में आ गया है। 3,200 कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट मांगने के बाद यह आंकड़ा सामने आया है, जबकि अभी करीब 8 हजार कर्मचारियों की रिपोर्ट सामने आनी बाकी है। नगर निगम में करीब 11 हजार सफाई कर्मचारी काम करते हैं। नगर निगम ने इसके लिए नवंबर में कार्यदायी संस्थाओं से डिक्लेरेशन मांगा था, जिससे यह वेरिफाई किया जा सके कि शहर में सफाई कर्मचारियों के रूप में कितने घुसपैठिए काम कर रहे हैं। LSA ने नगर निगम को सौंपी रिपोर्ट, NRC मांगने पर भागे कर्मचारी लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड (LSA) को नगर निगम ने अपने यहां काम करने वाले सफाई कर्मचारियों में से बांग्लादेशी और रोहिंग्या को चिह्नित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद LSA ने असम के रहने वाले कर्मचारियों से NRC और अन्य से आधार सहित अन्य पहचान के डॉक्यूमेंट मांगे, जिसके दो दिन बाद 160 लोगों ने काम करना छोड़ दिया। इस पर LSA ने इसकी रिपोर्ट नगर निगम को भेज दी। LSA संस्था शहर के 5 जोन में कूड़ा कलेक्शन और सफाई का काम करती है। इसमें से सफाई के काम में करीब 1 हजार लोग काम करते हैं, जबकि 2,200 के करीब लोग डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में काम कर रहे हैं। कूड़ा कलेक्शन का काम कर रहे करीब 125 कर्मचारी डॉक्यूमेंट मांगने पर भाग गए, जबकि सफाई का काम करने वाले करीब 35 कर्मचारियों ने भी डॉक्यूमेंट जमा नहीं किया। अभी जमा किए गए डॉक्यूमेंट का क्रॉस वेरिफिकेशन भी होने पर कई दस्तावेज फर्जी होने की भी संभावना है। 1400 असम और 150 बंगाल के लोग कर रहे हैं काम नगर निगम में 3200 कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट आने के बाद पता चला कि 1400 सफाई कर्मचारी असम के रहने वाले हैं। इसमें से अधिकतर कुछ ही जिले के हैं। बंगाल के रहने वाले लोगों की भी यही स्थिति है। LSA के अधिकारियों का कहना है कि अब असम के लोगों को तभी नौकरी पर रखा जाएगा जब वह NRC का डॉक्यूमेंट दिखाएंगे। बिना इसके किसी को नौकरी नहीं दी जाएगी। सफाई कर्मचारियों पर निगरानी भी सख्त करने की तैयारी है। लॉयन एनवायरो ने नहीं दी कोई जानकारी लॉयन एनवायरो शहर के तीन जोन में कूड़ा कलेक्शन और सफाई का काम करती है। यहां पर करीब एक हजार सफाई कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने नवंबर में एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अभी तक एक भी कर्मचारी की डिटेल नगर निगम को नहीं मिली है। पर्यावरण अभियंता संजीव प्रकाश ने कहा कि अब लॉयन एनवायरो से तुरंत नाम मांगा जाएगा, पिछले दिनों उन्होंने नाम की डिटेल तैयार होने की जानकारी दी थी। इसके साथ ही नगर निगम में वार्ड स्तर पर भी सफाई कर्मचारी 110 वार्डों में भी काम कर रहे हैं। पुलिस भी एक्शन मोड में, नगर निगम करा रहा जांच पिछले दिनों नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी जोनल सेनेटरी अधिकारियों से कहा है कि कार्यदायी संस्थाओं के सभी सफाई कर्मियों का पुलिस से सत्यापन कराया जाए। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा जाए। इसके बाद से जगह-जगह पुलिस डॉक्यूमेंट चेक कर रही है। वहीं, बीते साल इंदिरा नगर में 29 दिसंबर को चांदन गांव में बांग्लादेशियों को लेकर बड़ा बवाल भी हुआ था। इसमें मेयर सुषमा खर्कवाल ने जांच कराने और कार्रवाई करने का दावा किया था, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ था। पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सांसद भी उठा चुके हैं मुद्दा 25 अक्टूबर को भाजपा से राज्यसभा सांसद और यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने सफाईकर्मियों के बांग्लादेशी और रोहिंग्या होने का मामला उठाया था। वीडियो जारी कर पूर्व डीजीपी ने कहा था कि राजधानी लखनऊ में सैकड़ों बांग्लादेशी घुस आए हैं। इनके बच्चे चौराहों पर गुब्बारे-पेन बेचते, भीख मांगते मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, नगर निगम के अफसरों ने इन्हें ID देकर लखनऊ का निवासी बना दिया है। यहां झोपड़ियों में रोहिंग्या रह रहे हैं। पुलिस इनका वेरिफिकेशन नहीं कर पा रही है। ये देश के लिए खतरा हैं। काम की आड़ में आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं। वे रोज की तरह गुरुवार को भी मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। इस दौरान उन्होंने कुछ सफाईकर्मियों का वीडियो बनाया। उन्होंने दावा किया था कि ये सभी बांग्लादेशी हैं। मेयर ने दो बार चेक किए सफाई कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट 18 नवंबर को नगर निगम जोन-4 में ट्रांसफर स्टेशन पर मेयर ने सफाई कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट चेक किए थे। निरीक्षण के बाद मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा- मैंने पहले अपने घर यानी नगर निगम से ही सफाई अभियान शुरू किया है। एक महीने के अंदर नगर निगम में पूरी तरह से सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर दूंगी। आने वाले समय में नगर निगम क्षेत्र से रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशियों का पूर्ण रूप से सफाया किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा इन व्यक्तियों की सूची तैयार की जा रही है। उन्हें बाहर करने के लिए एक महीने का समय तय किया गया है। मेयर बोलीं- अवैध रूप से रहने वालों को बाहर करूंगी नगर निगम लखनऊ की सीमा में अवैध रूप से रहने वाले सभी व्यक्तियों को बाहर करना मेरा संकल्प है और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। 4 दिसंबर को फूलबाग, गुडंबा थाना क्षेत्र के बहादुरपुर की झुग्गी बस्ती में शंकरपुरवा प्रथम वार्ड की सपा पार्षद नमिता यादव के पति पूर्व पार्षद पंकज यादव के खेत पर बनी झुग्गी झोपड़ी पर पहुंचकर मेयर ने डॉक्यूमेंट चेक किए तो कई लोग भाग गए। मौके पर अवैध तरीके से बिजली कनेक्शन मिला। मेयर ने 15 दिनों का समय दिया इसके बाद वापस लौट गई। मौके से अवैध ठेली और कूड़ा बरामद हुआ। ———————— ये खबरें भी पढ़िए… योगी का आदेश- रोहिंग्या-बांग्लादेशी को यूपी से बाहर करो : ये सभी सुरक्षा के लिए खतरा; सभी जिलों के DM पहचान करें लखनऊ समेत यूपी के सभी शहरों से अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उनको बाहर खदेड़ा जाएगा। सभी जिलों के DM को तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे, जहां पकड़े गए घुसपैठियों को रखा जाएगा। बाद में उन्हें मूल देशों को सौंपा दिया जाएगा। SIR प्रक्रिया के बीच यूपी सरकार का यह बड़ा फैसला है। (पूरी खबर पढ़िए) रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को ढूंढने निकलीं लखनऊ मेयर : सपा पार्षद के प्लॉट पर मिलीं 80 झोपड़ियां; खर्कवाल बोलीं- इनमें घुसपैठिए रहते हैं सीएम योगी के निर्देश के बाद लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल खुद ही बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को ढूंढने निकलीं। वह गुरुवार को गुडंबा थाना क्षेत्र के फूलबाग बहादुरपुर में नगर निगम की टीम लेकर पहुंच गईं। वहां सपा पार्षद के प्लॉट पर 80 झोपड़ियां मिलीं। मेयर के पहुंचने की भनक लगते ही झोपड़ियों में मौजूद पुरुष भाग गए। (पूरी खबर पढ़िए)
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