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बेटी हुई इसलिए मां ने छत से फेंककर मार डाला:गाजियाबाद में सिर की हड्‌डी 2 टुकड़ों में टूटी मिली, पुलिस को बताई झूठी कहानी

गाजियाबाद में एक मां ने नवजात बेटी को पैदा होने के सिर्फ 45 मिनट बाद मार डाला। महिला ने जिस घर में बेटी को जन्म दिया, उसी घर की छत से बेटी को जिंदा फेंक दिया। बच्ची 20 फीट दूर पड़ोसी की छत पर गिरी। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा- बच्ची को पैदा होने के 1 घंटे के अंदर मार दिया गया। उसके सिर की हड्‌डी 2 टुकड़ों में बंट गई थी। हाथ और पैर की हड्डियों में फ्रैक्चर था। पुलिस ने इस रिपोर्ट के सामने आते ही मां को हिरासत में लिया है। दरअसल, मां ने पुलिस को गुमराह करने वाला बयान दिया था। कहा- बेटी जब पैदा हुई, उसकी सांस चल नहीं रही थी, वो मरी हुई थी। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं उसको बगल के खाली प्लॉट में फेंकना चाहती थी, मगर वह पड़ोसी की छत पर जाकर गिरी। मां के इस बयान के बाद जब पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने रखी, तब उसने अपना जुर्म कबूल किया। नवजात बेटी को आखिर मां ने क्यों मार डाला? जिस वक्त ये घटना हुई, पति कहां था? इन सवालों के साथ दैनिक भास्कर ने इस केस से जुड़े अधिकारियों और लोगों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… 2 घंटे की पूछताछ में सामने आई हकीकत डेढ़ साल पहले शादी, झरना को बेटा चाहिए था पुलिस ने मां झरना से 2 घंटे बंद कमरे में पूछताछ की। उसके बाद एक कहानी सामने आई। इसकी मुख्य किरदार मां झरना वेस्ट बंगाल की रहने वाली है। उसकी शादी डेढ़ साल पहले बिहार के दरभंगा के बादल से हुई। बादल घर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करता है। शादी के बाद वह बेटा चाहती थी। दोनों इसकी प्लानिंग भी करते रहते थे। इस बीच झरना प्रेग्नेंट हो गई। 5 महीने बाद दरभंगा में ही उसने एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भ्रूण जांच करवाई, क्योंकि वो किसी भी हाल में बेटी को जन्म नहीं देना चाहती थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि झरना के गर्भ में बेटी पल रही है। अबॉर्शन नहीं हुआ तो बहन के पास गाजियाबाद आ गई झरना ने गर्भ में बेटी होने के बारे में अपने पति को नहीं बताया। हॉस्पिटल में जाकर वो अबॉर्शन करवाना चाहती थी। मगर मेडिकल कंडीशन देखकर डॉक्टर ने मना कर दिया। इसके बाद झरना ने अपनी रिश्तेदारी में कुछ महिलाओं से संपर्क किया। उनसे पूछा कि क्या कर सकते हैं? इसके बाद उसको कुछ दवाइयों के सुझाव मिले। जिन्हें खाने के बाद झरना की तबीयत बिगड़ने लगी। उसने पति से कहा कि मैं अपनी बहन के पास कुछ दिन रहना चाहती हूं, पति ने भी मना नहीं किया। 14 नवंबर को झरना दरभंगा से गाजियाबाद आ गई। यहां झरना की बहन सविता सिहानीगेट इलाके के नेहरुनगर के राकेश मार्ग पर रहती है। यहां आने के बार उसने अपनी बहन से कहा कि ये बच्ची मैं नहीं चाहती हूं। इसके बाद वह लोग इसी घर में रहे। डिलीवरी के लिए किसी हॉस्पिटल में संपर्क नहीं किया। पैदा होने के बाद 45 मिनट बाद ही बच्ची को फेंक दिया 4 दिसंबर की रात को झरना को लेबर पेन हुआ। बहन के साथ उसने हॉस्पिटल जाने से मना कर दिया। बहन की मदद से बच्ची को घर पर ही 5 दिसंबर की सुबह 6 बजे जन्म दिया। झरना ने पुलिस कस्टडी में बताया कि बेटी होने के बाद मुझे समझ नहीं आया कि मैं क्या करुं। पति को बताना नहीं चाहती थी। छत पर टहलते हुए दिमाग में प्लान आया कि घर के पीछे के खाली प्लॉट में बच्ची को फेंक देती हूं। वहां कोई CCTV तो है नहीं, किसी को क्या ही पता चलेगा। पैदा होने के 45 मिनट बाद मैंने बच्ची को उठाकर फेंका, मगर वह खाली प्लॉट की जगह 20 फीट दूर विनय रावत के घर की छत पर गिरी। विनय ने बच्ची की बॉडी को देखकर पुलिस बुला ली। छत पर पानी की टंकी के पीछे नवजात की लाश पॉलिथीन में पैक थी। पड़ोसी के बयान से मिला क्लू, पुलिस झरना तक पहुंची
ACP नंदग्राम उपासना पांडेय ने बताया कि नवजात बच्ची के शव को देखकर हम समझ गए कि ये कुछ घंटे पहले ही पैदा हुई है। इसलिए क्राइम स्पॉट की फोरेंसिक जांच और वीडियोग्राफी करवाई। फिर इस घर के आसपास के घरों में पूछताछ शुरू की गई। एक पड़ोसी से संकेत मिले कि पड़ोस में सोनू भाटी के मकान में किराये पर शंकर सेन उर्फ गणेश रहते हैं। वो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के जिला पश्चिमी मेदनीपुर ग्राम पन्नागा के रहने वाले हैं। 27 दिन पहले उनकी साली झरना आई थी, वो प्रेग्नेंट थी। अब पुलिस शंकर सेन के घर पहुंची। यहां झरना पुलिस को देखकर घबरा गई, मगर उसने पुलिस को बताया कि हम गरीब लोग थे। हॉस्पिटल का खर्च नहीं उठा सकते थे। इसलिए घर में ही डिलीवरी करवा ली। बच्ची जब पैदा हुई, तो उसकी सांस नहीं चल रही थी। इसलिए उसकी बॉडी को खाली प्लॉट में डालना चाहते थे, गलती से पड़ोस की छत पर गिर गई। इस बयान के बाद पुलिस का शक झरना और ज्यादा गहरा गया। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। डॉक्टर ने बच्ची के शव को देखने के बाद बताया कि जब उसको ये चोटें लगीं, तब बच्ची जिंदा थीं। उसकी मौत सिर ही हड्‌डी 2 टुकड़ों में बंटने से हुई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी मां झरना को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि बच्ची को मैंने जीवित हालत में मारने के लिए फेंका था। मैं बेटा चाहती थी, इस बेटी को पालना नहीं था। दयानंद चौकी इंचार्ज मान सिंह दयाल ने मां के खिलाफ थाने में BNS की धारा 91 (नवजात शिशु की हत्या) के तहत केस दर्ज किया है। ACP ने कहा- मां और बच्ची का DNA टेस्ट कराएंगे ACP सिहानीगेट उपासना पांडे ने बताया कि दरभंगा (बिहार) में महिला के पति से संपर्क करने का प्रयास किया गया है। मगर अभी तक बात नहीं हो सकी है। पति के यहां पर आने के बाद उसके भी बयान दर्ज होंगे। झरना के बहनोई और बहन के भी बयान लिए गए हैं। हम बच्ची और उसकी मां का DNA टेस्ट भी करवाएंगे, ताकि हकीकत सामने आ सके। ………… ये भी पढ़ें – यूपी की गिटार वाली दुल्हन को बिना घूंघट देखिए, मुंह दिखाई पर गाना गाया, पति अफसर, खुद प्रोफेसर; पहला VIDEO इंटरव्यू गाजियाबाद की गिटार वाली दुल्हन इन दिनों इंस्टाग्राम, फेसबुक पर वायरल हो रही है। पेशे से असिस्टेंट प्रोफेसर तान्या सिंह के उस वीडियो को खूब वाहवाही मिल रही है। ये वीडियो उनकी शादी के बाद मुंह दिखाई की रस्म का है। वीडियो में वह पीले रंग की साड़ी में लंबा घूंघट किए दिख रहीं हैं। हाथ में गिटार है। धुन और सुर ऐसे कि लोग सुनने को मजबूर हो गए। उन्होंने गाना गाया- तेरा मेरा प्यार अमर…। घर में उन्हें घेरकर महिलाएं बैठी थीं, जो घूंघट वाली दुल्हन का गाना सुनकर फिदा हो गईं। पढ़िए पूरी खबर…


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