6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर के महा-परिनिर्वाण दिवस पर हुए कार्यक्रमों से पहली बार बसपा प्रमुख मायावती दूर रहीं। उन्होंने पहली बार अपनी जगह भतीजे आकाश आनंद को दलित प्रेरणा स्थल नोएडा के मुख्य कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बनाकर भेजा। बड़े दावों के बावजूद नोएडा में भीड़ नहीं जुटी। आकाश आनंद सिर्फ 10 मिनट के लिए आए। संबोधन तक नहीं हुआ। जो लोग आकाश को सुनने आए थे, उन्हें मायूसी मिली। भीड़ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ज्यादातर वाहन पार्किंग पॉइंट खाली पड़े रहे। हालांकि, भीड़ में आकाश आनंद को लेकर जोश हाई दिखा। कार्यकर्ताओं को उनसे अब तमाम उम्मीदें हैं। लोग कहते हैं कि आकाश आनंद युवा चेहरा हैं, वो देश में बदलाव ला सकते हैं। इससे पहले 9 अक्टूबर को लखनऊ में हुई मायावती की रैली में जुटी भीड़ ने बसपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया था। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर रैली का मूड भांपा। आकाश आनंद की भूमिका को लेकर बसपा के पुराने कार्यकर्ताओं से बात की। ये रिपोर्ट पढ़िए… मायावती के नहीं आने के ऐलान से कार्यकर्ताओं पर पड़ा असर
करीब 20 दिन पहले ही दलित प्रेरणा स्थल नोएडा का कार्यक्रम तय हो गया था। इसमें बसपा प्रमुख मायावती को बतौर चीफ गेस्ट आना था। तय हुआ कि यूपी के 6 मंडलों के 21 जिलों सहित उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा राज्यों के कार्यकर्ता भी इस कार्यक्रम में आएंगे। 50 हजार भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया। इस कार्यक्रम से ठीक 2 दिन पहले मायावती ने ‘X’ पर पोस्ट करके बताया कि वो इस कार्यक्रम में नहीं आएंगी। तर्क दिया कि उनके कार्यक्रम में जाने से वहां आने वाले लोगों को कठिनाइयां होती हैं। कार्यकर्ताओं को कोई परेशानी न हो, इसलिए वो नहीं आएंगी। दिल्ली आवास पर ही महा-परिनिर्वाण दिवस मनाएंगी। असली मकसद आकाश आनंद को पश्चिम में प्रोजेक्ट करना मायावती ने अपनी जगह नोएडा के कार्यक्रम में भतीजे आकाश आनंद को भेजा। ये पहला प्रोग्राम था, जब मायावती ने अपनी जगह भतीजे को भेजा। वरना अब तक ज्यादातर परिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रमों में मायावती खुद ही शामिल होती रही हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं, आकाश आनंद को अब पार्टी में नंबर-2 की हैसियत से देखा जा रहा है। यह कार्यक्रम उन्हें बड़े लीडर के तौर पर प्रोजेक्ट करने के लिए था। पश्चिमी यूपी में मायावती की मजबूत पकड़ है। वो इसी नोएडा की रहने वाली हैं। इसलिए आकाश आनंद को प्रोजेक्ट करके उनकी पार्टी में हैसियत नंबर–2 का संदेश दिया गया। हालांकि दावे के मुताबिक, भीड़ नहीं जुट पाई। माना जा रहा है कि मायावती के 2 दिन पहले ही आने से इनकार करने की वजह से कार्यकर्ता थोड़ा मायूस हुए। इस वजह से भीड़ कम पहुंच पाई। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम में 5 से 10 हजार लोग ही आ पाए। ‘आकाश आनंद का कार्यक्रम में आना ही बड़ी बात’
मेरठ के बसपा वर्कर अशोक टकसालिया कहते हैं- आकाश आनंद पार्टी में बहुत अच्छा बदलाव कर पाएंगे, ऐसी हमें उम्मीद है। बहुजन के बिखरे हुए समाज को एकजुट करके केंद्र और राज्य में सरकार बनाने का काम करेंगे। संबोधन नहीं होने पर किस तरह की मायूसी है? इस सवाल पर टकसालिया कहते हैं- लोग उन्हें सुनने आए थे, लेकिन आकाश आनंद उन्हें सुनाने नहीं आए थे। वो सिर्फ श्रद्धांजलि देने आए थे। बसपा की तरफ से इस कार्यक्रम में सुनने या सुनाने जैसा कोई प्रारूप नहीं था। लेकिन, ये हमारे लिए बड़ी बात थी कि बाबा साहेब के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आकाश आनंद आए। दिल्ली की रतनमाला बोलीं- आकाश युवा हैं, हमें उनसे उम्मीदें
दिल्ली के शाहदरा से आईं 65 साल की रतनमाला कहती हैं- आकाश युवा नेता हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वो पार्टी के मान-सम्मान को बढ़ाएंगे। जनता की मांग है, हमारा युवा नेता अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाए। देश में शिक्षा के रास्ते को खोले। विकास के लिए काम करे, जैसा अंबेडकर करते थे। मायावती के बाद हम उम्मीद करते हैं कि आकाश भी उनके पदचिह्नों पर चलें। हम प्रार्थना करते हैं कि वो ईमानदारी से हमारे समाज के लिए काम करेंगे। बहुजन के लिए, बच्चों के लिए, भविष्य के लिए संविधान को लागू करें। ‘बहनजी सत्ता में आएंगी, तब सब वापस मिलेगा’
बहुजन कार्यकर्ता संतोष सिंह कहती हैं- आकाश आनंद आ रहे, उन्हें देखने आए हैं। वो हमारे नेता हैं। जैसा मायावती करती आई हैं, वैसा ही वो भी करेंगे। हम बहनजी को 2027 में फिर से मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। अब आकाश आनंद आए हैं तो पार्टी और ज्यादा ऊंचाइयां छुएगी। संतोष ने कहा- मोदी ने सारे रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे बेच दिए। 5 किलो राशन देने से जनता का भला नहीं होता। आरक्षण भी खत्म कर दिया। हमें उम्मीद है कि बहन जी जब सत्ता में आएंगी तो हमें सबकुछ वापस मिलेगा। मीनाक्षी बोलीं- चंद्रशेखर की तरह काम करे बसपा
दलित प्रेरणा स्थल के कार्यक्रम में हमें सांसद चंद्रशेखर आजाद की भी एक समर्थक मौजूद मिलीं। हमने पूछा- आकाश आनंद से आपको पार्टी में क्या उम्मीदें नजर आती हैं? इस पर गाजियाबाद की मीनाक्षी कहती हैं- मुझे तो कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती। अभी तक सिर्फ चंद्रशेखर धरातल पर काम कर रहे हैं। उनका काम बेहतर है। वो गरीबों, पीड़ितों की आवाज सुनते हैं। देश में चंद्रशेखर जैसे युवा आगे आएं। जहां भी अत्याचार होता है, वहां चंद्रशेखर खड़े नजर आते हैं और उनकी मदद करते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी में CEIR पोर्टल ने ढूंढ निकाले लापता 57761 फोन, इसी पोर्टल का मोबाइल एप ‘संचार साथी’ यूपी के गोरखपुर में जीआरपी (GRP) ने 19 नवंबर को 55 लाख रुपए कीमत के 248 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाए। मेरठ रेंज की पुलिस इस साल 5 हजार मोबाइल रिकवर करके लोगों को वापस कर चुकी है। ये वो मोबाइल हैं, जो चोरी या खो चुके थे। पढ़िए पूरी खबर…
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