बस्ती में विश्व हिंदू महासंघ और अन्य हिंदू संगठनों के नेताओं को पुलिस ने बहराइच स्थित हाजी सालार मसूद गाजी की मजार तोड़ने से रोक दिया। ये नेता बुलडोजर लेकर बहराइच जाने की तैयारी में थे, लेकिन अमहटघाट पर पुलिस बल ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह और राष्ट्रीय बजरंग दल के मनहोन त्रिपाठी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता अमहटघाट स्थित शिव मंदिर परिसर में एकत्र हुए थे। यहां वक्ताओं ने महाराजा सुहेल देव की गाथाओं का वर्णन किया और गाजी मियां को बाहरी आक्रांता बताया। संबोधन के बाद, नेता और कार्यकर्ता बुलडोजर के साथ बहराइच की ओर कूच करने लगे। हालांकि, भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। सर्किल ऑफिसर के समझाने पर सभी सहमत हो गए और कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। अखिल भारतीय विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि वे संविधान का सम्मान करते हैं और प्रशासन के अनुरोध पर कार्यक्रम स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनसे कुछ समय मांगा है। सिंह ने अपनी मांगों को दोहराया, जिसमें बहराइच में गाजी सालार की “अवैध मजार” को हटाना और बहराइच का नाम बदलकर राजा सुहेलदेव के नाम पर रखना शामिल है। इस दौरान विश्व हिंदू महासंघ के जिला संयोजक प्रभु दयाल, राज कुमार शास्त्री, संजय द्विवेदी, रवींद्र कश्यप, अनिल प्रजापति, रामजी पांडेय, प्रमोद गुप्ता, राजन, रामेश कन्नौजिया, अजय मिश्रा, सोनू पाठक, रमेश पांडेय, आकाश आर्य, दीपक राव, डॉक्टर अन्यन सिंह, कृष्ण अवतार चौधरी, कवि चौधरी और सत्येंद्र मिश्रा सहित कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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